श्राद्ध पक्ष की चतुर्दशी पर गयाकोठा के बाहर एक किमी लंबी कतार

सडक़ों पर खड़े किए वाहन, पुलिस ने संभाली ट्रैफिक की कमान, पीछे पड़े भिखारी तो परेशान होते रहे श्रद्धालु
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। श्राद्धपक्ष की चतुर्दशी पर मंगलवार को गयाकोठा पर श्रद्धालुओं का सैलाब नजर आया। जहां तक नजर पहुंची सिर्फ और सिर्फ श्रद्धालु ही दिखाई दिए। कोई भगवान को दूध एवं जल चढ़ाने के लिए कतार में खड़ा था तो कोई तर्पण एवं पिंडदान कर रहा था। दूसरी ओर मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने पार्किंग नहीं होने से सडक़ पर ही वाहन खड़े कर दिए जिसके चलते पुलिसकर्मी ट्रैफिक की कमान संभालते नजर आए।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर गयाकोठा, सिद्धवट पर दुग्धाभिषेक करने का विशेष महत्व है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसके लिए अलसुबह ५ बजे से ही श्रद्धालु गयाकोठा, सिद्धवट और रामघाट पर पहुंचना शुरू हो गए थे। समय बीतता गया तो श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ती रही। सुबह १०.३० बजे तक स्थिति यह रही कि गयाकोठा के बाहर करीब एक किमी तक श्रद्धालुओं की कतार लग गई।
मंदिर गेट पर बाल्टियों का शॉर्टकट
श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर से जुड़े सदस्यों ने शॉर्टकट रास्ता खोज निकाला। उन्होंने गेट पर तीन बाल्टियां लटका दी। इसमें ऐसे श्रद्धालु दूध डालते नजर जो लाइन में लगकर लंबा इंतजार नहीं कर सकते थे। दूध से फुल होने पर सदस्य बाल्टियों को मंदिर के अंदर ले जाते और खाली कर पुन: निर्धारित जगह पर लटका देते।
पार्किंग नहीं होने से परेशानी
गयाकोठा में दूध अर्पित करने वाले श्रद्धालुओं ने पार्किंग नहीं होने सडक़ों पर ही वाहन खड़े कर दिए जिससे कई फीट चौड़ी सडक़ संकरी हो गई। वाहन भी गुत्थमगुत्था होते रहे। हालांकि, वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने ट्रैफिक मैनेजमेंट की कमान अपने हाथों में ली और वाहनों को निकालते रहे।
भिखारियों ने भक्तों को घेरा
गयाकोठा मंदिर के बाहर भिखारी भी बड़ी तादाद में जुट गए जो लाइन लगाकर बाहर बैठ गए। कई भिखारी श्रद्धालुओं के इर्दगिर्द मंडराते रहे। जैसे ही श्रद्धालु वहां पहुंचते उन्हें घेरकर पैसे और खाने की डिमांड करने लगे। इसके चलते बाहर से आने वाले श्रद्धालु सहमे नजर आए। इसमें बच्चों की संख्या ज्यादा रही।
आधी जगह शामियाना, बाकी जगह धूप
मंदिर ने श्रद्धालुओं को धूप से बचाने के लिए बाहर के कुछ हिस्से पर शामियाना लगवाए जो नाकाफी साबित हुए। कतार बढऩे से श्रद्धालु धूप में ही तपते रहे। श्रद्धालुओं का कहना था कि सही तरीके से व्यवस्थाएं की जानी थीं, आधी लोग धूप में तप रहे हैं और आधे छाया में खड़े हैं। पैर भी जल रहे हैं, यहां दरी, टाटपट्टी या कारपेट बिछाया जाना था।
सिद्धवट पर लोगों की भीड़
इधर, सिद्धवट पर भी रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंचे। इसमें बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद ज्यादा थी। हालात यह रही कि मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की कतार करीब डेढ़ किमी लंबी हो गई। दूध अर्पित कर श्रद्धालुओं ने अपने पितरों की शांति की कामना की। इस दौरान घाट पर तर्पण एवं पिंडदान भी चलते रहे। इससे पहले सुबह 5 बजे पुजारियों ने भगवान को अभिषेक-पूजन किया। इसी तरह रामघाट पर भी श्रद्धालुओं ने पितरों के निमित्त तर्पण एवं पिंडदान किया।








