जिले में 335 क्लीनिक ही रजिस्टर्ड, बिना लाइसेंस वाले होंगे सील

सीएमएचओ की चेतावनी- क्लीनिक और नर्सिंग होम पंजीयन के लिए ऑनलाइन करें आवेदन
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उज्जैन। जिले के निजी चिकित्सा संचालकों के बीच हड़कंप मच गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश उपचारगृह अधिनियम, 1973 के तहत सभी निजी क्लीनिकों और नर्सिंग होम का पंजीकरण तत्काल कराएँ। यह आदेश एलोपैथी से लेकर आयुष, फिजियोथेरेपी और डेंटल समेत सभी चिकित्सा पद्धतियों पर लागू है। सीएमएचओ कार्यालय के अनुसार, उज्जैन जिले में अब तक केवल 335 क्लीनिक ही पंजीकृत हैं, जो बेहद चिंताजनक बात है। जिन संचालकों ने अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उन्हें तुरंत एमपी ऑनलाइन के नर्सिंग होम क्षेत्र पोर्टल पर आवेदन करने का निर्देश दिया गया है।
क्लीनिक व नर्सिंग होम का अंतर स्पष्ट किया
सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल ने बताया कि आवेदन के वक्त क्लीनिक और नर्सिंग होम के बीच स्पष्टता रखें। क्लीनिक वह है जहां सिर्फ परामर्श दिया जाता है, भर्ती नहीं कर सकते, बेड नहीं लगा सकते, प्रोसीजर नहीं कर सकते। जबकि नर्सिंग होम में चिकित्सा प्रक्रियाएं कर सकते हैं, मरीज़ भर्ती कर सकते हैं और बेड की व्यवस्था कर सकते हैं।
अब हर नागरिक को निगरानी रखना होगी
सीएमएचओ डॉ. पटेल ने लोगों से अपील की है कि अब आप भी अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। जब भी आप किसी निजी चिकित्सा संस्थान में जाएं, तो वहां प्रदर्शित रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र अवश्य देखें। यह भी सुनिश्चित करें कि वह वैध है या नहीं। यदि किसी क्लीनिक या नर्सिंग होम में रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र नहीं लगा है, तो वहां की सेवाएं बिल्कुल न लें और सीएमएचओ कार्यालय को सूचना दें।
पंजीयन के लिए यह दस्तावेज जरूरी
पंजीयन के लिए क्लीनिक का नक्शा, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की एनओसी, संचालक व डॉक्टर की वैध डिग्री, स्टाफ का रजिस्ट्रेशन और रेडियोलॉजी क्लीनिक के लिए एईआरबी प्रमाण पत्र अनिवार्य है। साथ ही, पैथोलॉजिस्ट/ रेडियोलॉजिस्ट को यह घोषणा पत्र देना होगा कि वे केवल एक अतिरिक्त प्रयोगशाला में ही विजिटिंग सेवाएं देंगे।









