पाकिस्तान में हाहाकार भारत से पानी की गुहार

सिंधु जल संधि बहाल करने को चार बार भेजे पत्र
नईदिल्ली। पहलगाम की आतंकी घटना के बाद सिंधु जल समझौता स्थगित करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है। बेचैनी पाकिस्तान ने समझौते को फिर से लागू करने के लिए भारत को अब तक चार पत्र लिखकर पानी की गुहार लगाई है। जल शक्ति मंत्रालय को लिखे गए पत्रों को मंत्रालय ने आगे के विचार के लिए विदेश मंत्रालय को भेज दिया है। इस बीच, सरकार साफ कर चुकी है कि आतंकवाद के जारी रहते यह संधि स्थगित रहेगी और भारत, पाकिस्तान को जाने वाले पानी पर अपने हिसाब से फैसला लेगा। सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय का स्पष्ट तौर से कहना है कि जब तक पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद पर लगाम नहीं लगती है, तब तक सिंधु जल समझौता स्थगित रहेगा।

नहरों से पानी को दूसरे हिस्सों में ले जाने की तैयारी
भारत सरकार ने साफ किया है कि वह इन नदियों पर अपने बांधों में से गाद को हटाकर उनकी गहराई बढ़ा रही है और पानी की भंडारण क्षमता भी बढ़ा रही है। साथ ही नहरों के माध्यम से इन नदियों के पानी को देश के दूसरे हिस्सों में ले जाने की भी तैयारी है। इन नदियों का पानी हरियाणा, पंजाब व राजस्थान तक जाएगा ताकि इन राज्यों में पेयजल से लेकर सिंचाई तक के लिए आवश्यक जल उपलब्ध होगा।

80 फीसदी पानी का पाक कर रहा था इस्तेमाल
पहलगाम के आतंकी हमले के बाद भारत में शुरुआत में ही जो कड़े फैसले लिए थे, उसमें एक सिंधु जल समझौते को तत्काल स्थगित करने का फैसला था। इसके चलते तीन प्रमुख नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम से पाकिस्तान को मिलने वाले अधिकांश पानी का इस्तेमाल भारत अपने अनुसार कर रहा है। समझौते के तहत इनका अधिकांश पानी (80 फीसद से ज्यादा) पाकिस्तान को जाता था।

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