आधा शहर पी रहा खान का पानी…
साफ करने में लग रहा ज्यादा केमिकल, अफसरों ने कहा प्लांट नंबर 3 बंद करो, लेकिन पीएचई बेबस
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच आधे शहर को खान नदी का पानी पीना पड़ रहा है। इसे साफ करने में केमिकल ज्यादा इस्तेमाल करने से पानी का स्वाद बदल रहा, जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। दूसरी ओर जनप्रतिनिधि चुनाव लडऩे में इससे बेखबर हैं।
पीएचई को अभी पुराने शहर में खान का पानी साफ करके सप्लाई करना पड़ रहा है। अधिकारियों की मानें तो यह स्थिति जल संसाधन विभाग के कारण बन रही है। डेम में खान का पानी रोका नहीं जा रहा, इस कारण वह शिप्रा में मिल रहा और पीएचई के फिल्टर प्लांट नंबर 3 से पुराने शहर को प्रदाय किया जा रहा। इससे लोगों को पानी के कारण खराब स्वाद आदि की शिकायतें बढ़ रही है। केमिकल से पानी साफ तो हो रहा है, लेकिन उसका स्वाद बदल रहा। इसकी वजह यह कि ज्यादा केमिकल से पानी को साफ करना पड़ रहा, लेकिन खान का पानी होने के कारण स्वाद प्रभावित हो रहा है। यह स्थिति पिछले कुछ दिनों से बनी हुई है।
प्लांट बंद करने का फरमान…
सूत्रों के अनुसार पीएचई के कार्यपालन यंत्री एनके भास्कर ने अधिनस्थ स्टाफ को मैसेज किया है कि प्लांट बंद कर दो ताकि प्रदूषित पानी पीने से लोगों को बचाया जा सके। पीएचई की मजबूरी यह बताई जा रही है कि प्लांट बंद करने से प्रेशर की कमी हो सकती है। इससे कम दबाव के साथ कम मात्रा में ही जलप्रदाय हो सकेगा।
त्योहार के समय बनी यह स्थिति
शहर में त्योहारी सीजन चल रहा और इस खास मौके पर लोगों को खान का प्रदूषित पानी पीना पड़ रहा। कई लोगों को इससे सेहत की समस्याएं भी आ रही। पीएचई कर्मचारियों को लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ रहा।
उज्जैन उत्तर में चुनाव पर हो सकता असर- खान का पानी शहर में खासकर पुराने क्षेत्र के लोगों को पीना पड़ रहा। उससे उज्जैन उत्तर क्षेत्र के लोगों का आक्रोश चुनाव परिणाम पर असर पड़ सकता है।
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करें क्या?
अंकपात क्षेत्र में पटेल नगर निवासी ईश्वरलाल नाटानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता हैं और शखाएं भी लगाते हैं। उन्होंने बताया दो दिनों से पानी केमिकल की तीखी गंध वाला आ रहा। इससे क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं। पीएचई के कार्यपालन यंत्री एनके भास्कर को भी इसकी शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि इसको लेकर क्या सीएम हेल्पलाइन में जाएं। उन्होंने दो दिन में समस्या दूर करने का आश्वासन दिया है।
शिप्रा में खान नदी का पानी आने से यह समस्या खड़ी हुई है। डेम से पानी रोकने।पर ही यह समस्या दूर हो सकती है। पीएचई के प्लांट अच्छे से काम कर रहे हैं। डेम से खान का पानी रोकना जरूरी है।
मनोज खरात, कार्यपालन यंत्री पीएचई