क्रिप्टो करेंसी में 35 लाख गंवाए तो लोगों से 32 लाख रुपए ठगे

62 लोगों से धोखाधड़ी कर परिवार सहित फरार कियोस्क संचालक पकड़ाया
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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। श्रीकृष्ण कॉलोनी में लोगों से लाखों रुपए की ठगी कर फरार हुआ शगुन ऑनलाइन सेंटर संचालक आनंद बागडिय़ा पुलिस की पकड़ में आ गया है। आनंद ने कियोस्क सेंटर के माध्यम से ३ बैंक के ६२ खाताधारकों से ३२ लाख रुपए ठगे हैं। १७ नवंबर को पुलिस शिकायत के बाद से ही फरार आनंद परिवार के साथ फरार हो गया था।
श्रीकृष्ण कॉलोनी में आरोपी आनंद पिता संतोष बागडिय़ा एमपी ऑनलाइन सेंटर संचालित करता है और उसके बाद तीन बैंकों के कियोस्क सेंटर भी हैं। जिसके जरिए उसने रुपए निकलवाने आए तीनों बैंक के ६२ खाताधारकों के अकाउंट से रुपए निकालकर मां सरिता, पत्नी गायत्री और खुद के दो अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। ग्राहकों को वो लिंक फेल होने या अन्य बहाना बताकर रुपए नहीं देता था। इस तरह उसने १ जनवरी से १४ नवंबर तक कुल ३२ लाख ४१ हजार ६७० रुपए की धोखाधड़ी की।
एसबीआई का कियोस्क था आनंद के पास
आनंद बागडिय़ा के पास एसबीआई इंदिरा नगर ब्रांच का कियोस्क था। बैंककर्मियों का कहना है कि उसकी शिकायतें आने के बाद कियोस्क कैंसिल कर दिया था। जबकि ठगी का शिकार लोगों का कहना है कि वो दूसरे कियोस्क की मदद से बैंक के लेनदेन कर रहा था।
आनंद क्रिप्टो करेंसी के लालच में खुद भी फंसा
सूत्रों के मुतबिक आनंद बागडिय़ा संभ्रांत परिवार से पढ़ा-लिखा युवक है और कई सालों से एमपी ऑनलाइन का व्यवसाय संचालित कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि क्रिप्टो करेंसी में लाखों के मुनाफे के मायाजाल में खुद आनंद भी अपने ३५ लाख रुपए फंसा चुका है। ऑनलाइन कंपनी के जरिए इन्वेस्ट करनेे के बाद वो आर्थिक रूप से परेशान हो गया था और बचने के लिए लोगों को ठगने लगा। परिवार का चूड़ी का कारोबार है।
एसबीआई में ढाई लाख की एफडी के बाद शंका में घिरा
शिवशक्ति नगर निवासी अंकुश शर्मा ने अक्टूबर में ढाई लाख रुपये की एफडी करवाने के लिए 1 लाख, 1 लाख और 50 हजार रुपये के तीन ट्रांसफर ऑनलाइन संचालक आनंद को किए थे। आनंद ने सर्वर डाउन होने का झांसा देकर एफडी अगले दिन देने को कहा, लेकिन लगातार टालमटोल करता रहा। जब अंकुश ने बैंक में पता किया तो फ्रॉड की जानकारी सामने आई।
इसी बीच उमा पत्नी अरुण ठाकुर (विष्णु कॉलोनी काजीपुरा निवासी) 1 अक्टूबर को बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते से एसबीआई खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर कराने गई थी। पूरी प्रक्रिया के बाद रुपए एक अकाउंट से निकल गए लेकिन दूसरे में ट्रांसफर नहीं हुए। आनंद लिंक फेल होने का कारण बताकर टालता रहा।
जब तीन-चार दिन बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत का कहा तो 65 हजार रुपये तो लौटा दिए। इन घटनाओं के बाद आनंद शंका के दायरे में आया। १३ नवंबर को लोगों ने आनंद को आखिरी बार कियोस्क सेंटर पर देखा, इसके बाद वो गायब हो गया। ठगी का शिकार लोगों ने जीवाजीगंज थाना सहित एसपी कार्यालय में १७ नवंबर को शिकायत की। इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी।
पुलिस का दबाव बना तो खुद ही सरेंडर हुआ
आनंद के फरार होने की सूचना मिलने के बाद जीवाजीगंज पुलिस के पास उसके द्वारा ठगी का शिकार ६४ लोग शिकायत लेकर पहुंचे। इसी बीच पुलिस ने उसके रिश्तेदारों के जरिए आनंद की तलाश का दबाव बनाना तो 3 दिसंबर को आनंद खुद ही थाने में पेश हो गया। देर रात उसके खिलाफ पुलिस ने ३१८(४ ) ३१६(२) ३१६ (५) बीएनएस में मुकदमा कायम किया है।









