कथा में होगा शंकर-पार्वती विवाह, महिलाओं को देंगे बरसाना का सिंदुर
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन भगवान भाव के भूखे है पर आजकल लोग धन दिखाकर शार्ट कट में भगवान तक पहुंच रहे है। ऐसी व्यवस्था से भेदभाव हो रहा है। मंदिर में वीआईपी कल्चर धर्मांतरण का मुख्य कारण है। भगवान को पैसे से अपना बनाने की बजाय शरण में जाना होगा। बैंक बैलेंस नहीं पुण्य अर्जन करना होगा। जात पात घर में हो तक ठीक है दहलीज से बाहर सब हिन्दू है।
यह बात श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ से पंडित अर्जुन गौतम ने श्रद्धालुओं को सुनाई। उन्होंने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति का नाम बदलकर भेदभाव समिति करने का भी कहा। महाकाल मंदिर के पैसे देकर दर्शन करने वाले को ज्यादा इज्जत मिलती है।
स्वर्णिम भारत मंच के जितेंद्र बैरागी ने बताया कि नि:शुल्क भोजन सेवा के निमित्त मुख्य यजमान भगवान श्री चिंतामण गणेश की कृपा से स्वर्णिम भारत मंच के बैनर तले सात श्रीमद भागवत कथा बीमा हॉस्पिटल परिसर गाड़ी अड्डा चौराहा आगर रोड़ पर चल रही है। व्यासपीठ का पूजन, राजकुमार भटनागर, शशिराज भटनागर, पीयूष भटनागर, तेजस्वी भटनागर, पल्लवी भटनागर, दिनेश श्रीवास्तव आदि ने यजमान बनकर किया।
श्रीमद भागवत कथा में आज शंकर पार्वती का विवाह होगा। इसी समय आज से सुहाग का सिंदूर जो राधारानी का बरसाना से मंगवाया गया है उसका वितरण महिलाओं को किया जायेगा। संध्या कांता बांठिया, अनंत त्रिवेदी, उमा जैन, रत्ना शर्मा, गीता रामी, रेखा भार्गव, पूजा सक्सेना, राधा यादव, पिंकी निगम, रजनी कुलश्रेष्ठ, रूपकिशोर कुलश्रेष्ठ, ललिता तिवारी, प्रीति दीक्षित, दीपक जाट, कल्पना श्रीवास्तव, राकेश एरवार, शक्ति वर्मा, जितेंद्र जैनीवाल, संदीप व्यास, आशीष पंवार, वीरेंद्र सिंह राजावत, लोकेंद्र रामी आदि उपस्थित थे।