PHD परीक्षा की आंसर शीट का मूल्याकंन कम्प्यूटर से…

By AV NEWS

विक्रम विवि की कार्यपरिषद बैठक में हुए कई निर्णय

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:विक्रम विश्वविद्यालय में आने वाले समय में होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा की आंसर शीट का मूल्याकंन कम्प्यूटर से किया जाएगा। आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन भुगतान बिलों के सत्यापन के बाद होगा। कृषि विभाग के लिए नया भवन और कन्या छात्रावास में अतिरिक्त कमरे बनेंगे। यह निर्णय विक्रम विवि कार्यपरिषद की बैठक में लिए गए।

विक्रम विवि कार्यपरिषद की बैठक कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे की अध्यक्षता में आयोजित की गई। विवि की विभिन्न विषय अंतर्गत आगामी दिनों में होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा का मूल्यांकन कराने का बड़ा निर्णय हुआ है। पीएचडी प्रवेश परीक्षा को ऑनलाइन कराने का प्रस्ताव भी था, लेकिन निर्णय हुआ कि केवल कम्प्यूटर के माध्यम से ओएमआर आंसर शीट का मूल्यांकन कराया जाएगा। बता दें कि विवि में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में ऑफ लाईन मूूूल्यांकन होने से गड़बड़ी हुई थी। मामला लोकायुक्त तक पहुंचने के साथ ही एफआईआर भी दर्ज हुई है।

सत्यापन के बाद भुगतान

बैठक में अप्रैल 2022 में आउटसोर्स के नाम पर रखे गए करीब दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों के वेतन भुगतान का मुद्दा बहस का कारण बन गया। दरअसल विक्रम कीर्ति मंदिर में कार्यरत महाकाल मंदिर समिति के अधीन कार्य करने वाली केएसएस कंपनी के माध्यम से कर्मचारियों को वेतन देने की फाईल ऑडिट विभाग और वित्त अधिकारी ने रोक दी थी। तब से ही यह मामला अटका हुआ है।

हालांकि इन कर्मचारियों को पहले ही विभागों से हटा दिया है। बैठक में 14 महीने के करीब 60 लाख रूपए के वेतन बिल को लेकर लंबी चर्चा के बाद फिलहाल भुगतान करने के पहले संबंधित विभाग जहां कर्मचारियों ने कार्य किया था, वहां के अधिकारी और विभागाध्यक्ष का सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। सत्यापन के बाद भुगतान की प्रक्रिया पालन किया जाएगा।

छात्रावास में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण होगा

विक्रम विश्वविद्यालय के विद्योत्तमा कन्या छात्रावास के दो मंजिला भवन व परिसर में करीब 80 कक्ष है। मौजूदा स्थिति में यहां प्रत्येक कक्ष में तीन छात्राएं रह रही है। ऐसे में कक्ष की कमी को देखते हुए कार्यपरिषद ने छात्रावास में करीब 56 नए कक्ष और तीन हॉल में टायलेट निर्माण की स्वीकृति दी है।

इसका काम जल्दी ही शुरू हो जाएगा। इससे छात्राओं की परेशानी कम होगी। इसी तरह विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर कोर्स में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या के चलते विश्वविद्यालय के अकादमिक परिसर में करीब 17 करोड़ की लागत से तीन मंजिला भवन का निर्माण कराया जाएगा। इस भवन में 21 विभाग संचालित हो सकेंगे। कार्यपरिषद की बैठक में सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, संजय नाहर, डॉ. विनोद यादव, ममता बैंडवाल, डॉ. कुसुमलता निंगवाल, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. डीएम कुमावत, डॉ. अरुणा सेठी, डॉ. मंसूर खान, डॉ. उमा शर्मा, कुलसचिव प्रज्जवल खरे उपस्थित थे।

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