PHE फिर खाली करेगा शिप्रा को

उज्जैन में नरसिंह घाट पर प्रदूषित पानी, दुर्गंध से लोग परेशान
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शिप्रा में बढ़ता प्रदूषण रुकने का नाम नहीं ले रहा। नरसिंह घाट पर केमिकल युक्त पानी पहुंच जाने के कारण मछलियां मार रही हैं। शनिवार को घाट पर नहाने पहुंचे लोग दुर्गंध से परेशान हो उठे। पीएचई शनिवार से शिप्रा का प्रदूषित पानी खाली करने की तैयारी कर रहा है। पानी खाली होने के बाद त्रिवेणी से नर्मदा का पानी भरा जाएगा।

नरसिंहघाट पर कई लोग नियमित स्नान करने जाते हैं। शनिवार को वे बिना स्नान कर लौट गए। दरअसल, शिप्रा में खान नदी का प्रदूषित पानी मिल रहा है। इस कारण नदी में गंदगी के साथ केमिकल युक्त पानी का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। एडवोकेट द्वारकाधीश चौधरी भी शुक्रवार शाम नियमित स्नान की जगह केवल एक डुबकी लगाकर लौट आए। उन्होंने बताया गर्मी के इन दिनों में नरसिंह घाट पर स्नान करने वालों की भीड़ रहती है लेकिन शुक्रवार को एक दो लोग ही थे। पूरे घाट पर सन्नाटा था। मृत मछलियों के कारण स्नान करना ही मुश्किल हो गया है।
दूसरी ओर पीएचई दोबारा शिप्रा का पानी बदलने की कवायद में जुट गया है। अधिकारियों के अनुसार शनिवार से शिप्रा में रोककर रखा गया पानी आगे छोडऩा शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद नर्मदा का पानी इसमें भरा जाएगा। प्रशासन ने इसके लिए एनवीडीए से नर्मदा का दो एमसीएम पानी मांगा है।
27 अप्रैल से 8 मई तक शिप्रा में नर्मदा का पानी भरा रहेगा। इससे पंचकोशी यात्रियों को भी स्नान के लिए साफ पानी मिल सकेगा। हालांकि लोगों का कहना है कि शिप्रा का पानी खाली करने के बाद इसकी तलहटी में जमी गाद भी साफ करना चाहिए। प्रदूषण विभाग से सेवानिवृत्त जल वैज्ञानिक डॉ. प्रतिभा जोशी ने बताया तलहटी की गाद साफ न करने से नर्मदा का जो पानी छोड़ा जाएगा, वह भी प्रदूषित हो जाएगा।
नर्मदा का पानी मांगाशिप्रा का प्रदूषित पानी खाली किया जाएगा। इसके बाद त्रिवेणी से धीरे धीरे नर्मदा का पानी लाया जाएगा। इसके लिए एनवीडीए से 2 एमसीएम पानी की डिमांड की है।-एनके भास्कर, कार्यपालन यंत्री पीएचमई








