उज्जैन सहित 16 नगर निगमों से मांगा ट्रैफिक और पार्किंग को लेकर प्लान

सरकार को बड़े शहरों में बढ़ते वाहनों से चिंता
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। प्रदेश को बड़े शहरों में लगातार बढ़े रहे वाहनों की संख्या से बिगड़ती यातायात व्यवस्था से चिंता होने लगी है। यातायात का बेहत्तर बनाने के लिए मप्र के नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने उज्जैन सहित 16 नगर निगमों से सिटी का ट्रैफिक और पार्किंग का प्लान मांगा है।

उज्जैन के साथ ही भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े शहरों में लगातार ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है। ट्रैफिक और पार्किंग प्लान के पीछे विभाग की मंशा इन शहरों में वाहनों की संख्या में इजाफा होने से लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक के दबाव को ध्यान में रखते हुए समाधान खोजना है।
सरकार प्रमुख रास्तों से लेकर बाजारों और रहवासी इलाकों में लगने वाले जाम का स्थाई हल निकालना चाहती है। मुख्य मार्गों से लेकर बाजारों और रिहायशी इलाकों में वाहनों की बढ़ती संख्या से सरकार चिंतित है। व्यस्त समय के दौरान में शहरों की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या खोजने के लिए नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने उज्जैन,इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, देवास, रतलाम, मुरैना, रीवा, सतना, सिंगरौली, कटनी, छिंदवाड़ा, खंडवा, बुरहानपुर नगर निगम को प्लान बनाकर देने को कहा है।
यह जानकारी देना है : नगर निगमों में पार्किंग और ट्रैफिक दोनों को लेकर प्लान बनाने है। इसमें बताना है कि उनके शहर में कहां-कहां रोड़ जाम होते हैं। कहां-कहां ट्रैफिक की समस्या है कहां पार्किंग की समस्या है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग निगमों से जैसे ही प्लान मिलेंगे उसके बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे।
बाजारों की पार्किंग होगी व्यवस्थित
अधिकारियों का कहना है कि शहरों में बाजारों के आसपास वाहनों की भीड़ दुकानदारों और ग्राहकों के लिए परेशानी का सबब बनती है। ऐसे में मुख्य बाजारों के आसपास मल्टीलेवल पार्किंग बनाने और व्यापारी संगठनों, ट्रैफिक पुलिस, प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जाए। बाजार के नजदीक पार्किंग में ही वाहन खड़े हों। बाजारों में व्यापारियों के सामान की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए लोडिंग वाहनों के आने-जाने का टाइम तय किया जाए।
जिन बाजारों के पास मल्टीलेवल पार्किग बनी हुई है वहां वाहन पार्क हों, इसके लिए ट्रेफिक पुलिस, व्यापारी संगठन लगातार निगरानी करें। ताकि पार्किंग व्यवस्थित हो सके। शहरी क्षेत्रों में बढ़ते वाहनों की संख्या को देखते हुए रिहाइशी इलाकों में भवन निर्माण के साथ पार्किंग की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। पुरानी बस्तियों में सड़कों पर पार्क होने वाले वाहनों के लिए भी घनी आबादी में पार्किंग के स्पॉट चिन्हित किए जाएंगे। जिन क्षेत्रों में कम जगह उपलब्ध है वहां मल्टीलेवल पार्किंग के प्लान बनाए जाएंगे।








