PM मोदी के कारों का काफिला उज्जैन पहुंचा

पीएम मोदी के कारों का काफिला उज्जैन पहुंचा, इनमें सवार होकर सभास्थल व इंदौर जाएंगे

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उज्जैन। पीएम नरेंद्र मोदी के काफिले में अत्याधुनिक गाडिय़ां होती हैं। मर्सिडीज-बेंज मेबैक एस-650 गार्ड कार है, जिसमें पीएम सवार होगे। कारों का यह काफिला उज्जैन आ चुका है।

ये कार इतनी सुरक्षित है कि 2 मीटर की दूरी से अगर इस कार पर 15 किलो टीएनटी भी उड़ा दिया जाए तो भी इस कार को कोई नुकसान नहीं होगा। इस कार की खिड़कियां इतनी मजबूत हैं कि एके 47 राइफल से गोली मार दी जाए तो भी कार पर असर नहीं पड़ेगा।

कार की खिड़कियां अंदर की तरफ पॉलीकार्बोनेट होती हैं। अगर कार पर गैस हमला करता है, तो इसका कोई असर नहीं होगा।

जीवन के लिए यादगार बन गए वे साढ़े तीन घंटे

आडवाणी की अयोध्या रथयात्रा में आए मोदी ने कहा था-महाकाल दर्शन से असीम शक्ति मिली

11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल लोक लोकार्पण के लिए उज्जैन आ रहे हैं। 1990की रथयात्रा में संयोजक के रूप में नरेंद्र मोदी उज्जैन आए थे। इस दौरान उनके साथ बिताए कुछ पल को भाजपा के कार्यकर्ता गोपाल चौऋषिया ने याद किया है।

यह बात 1990की भाजपा द्वारा निकाली गई रथयात्रा के उज्जैन आगमन की है। उस समय मध्यप्रदेश सरकार में वाणिज्यकर मंत्री बाबूलाल जैन थे। मुझे, गणेश गौड़, हेमंत मोदी एवं अन्य चार-पांच पार्टी कार्यकर्ताओं को रथयात्रा की अगुवाई के लिए आष्टा श्री जैन के साथ जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

जब दशहरा मैदान उज्जैन में लालकृष्ण आडवाणी की आमसभा चल रही थी। तभी मंच से मंत्री श्री जैन ने मुझे व गणेश गौड़ को बुलाकर बोला कि ये नरेंद्र भाई है (रथयात्रा के संयोजक) और इनको महाकाल बाबा के दर्शन करवाकर वापस लाना तुम्हारी जिम्मेदारी है।

हम लोग निजी वाहन (जीप) से मोदीजी को लेकर महाकालेश्वर दर्शन हेतु पहुंचे। दर्शन के पश्चात मोदीजी बड़े आत्मविभोर होकर कहने लगे कि बाबा के दर्शन कर मुझे असीम शक्ति मिली, मन आनंद से भर गया। मन करता है यहां बाबा के दरबार में बार-बार दर्शन करने आऊं। उन्होंने बात-बात में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।

महाकाल मंदिर में दर्शन के बाद वापस सभा स्थल (दशहरा मैदान) के लिए प्रस्थान किया। परंतु वहां से रथयात्रा आगे बढ़ चुकी थी। यात्रा पथ इंदौर की तरफ चलने को कहा। रास्ते में हम सभी से बड़े सरल होकर हमारा परिचय प्राप्त किया और जीप तेज चलाने का निर्देश दिया।

हम जब सांवेर पहुंचे तब वहां पर सभा समाप्त कर रथयात्रा आगे की ओर बढ़ चुकी थी और रास्ते में हमें बहुत ट्रेफिक मिल रहा था। ट्रेफिक को जैसे-तैसे चीरकर हम आगे निकले तो रथयात्रा के कमांडों से लैस जीप रथ के आगे और पीछे चल रही थी।

जो कि हमारी जीप को आगे नहीं निकलने दे रही थी। तब मोदीजी ने जीप की खिड़की से बाहर निकलकर कमांडों की ओर ईशारा किया और जोर से आवाज लगाई….मैं नरेंद्र मोदी…तब कहीं थोड़ी देर पीछे चलने के पश्चात कमांडों की जीप ने हमें आगे बढऩे दिया। धरमपुरी के पास रथयात्रा का काफिला रूका और हमने अपनी जीप को साइड में किया। तब वहां लालकृष्ण आडवाणी और राजमाता सिंधिया रथ से बाहर आए। मोदीजी रथ पर चढ़े और हाथ हिलाकर धन्यवाद किया। हम हाथ जोड़कर मंत्रमुग्ध खड़े रहे।

गोपाल चौऋषिया, उज्जैन

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