Saturday, December 9, 2023
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PM Mann Ki Baat: ‘मन की बात’ का 106वां एपिसोड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) में देश के साथ अपने विचार साझा करेंगे. आज पीएम मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 106वां एपिसोड होगा.

इस कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क, आकाशवाणी वेबसाइट और न्यूजऑनएयर मोबाइल ऐप पर किया जाएगा. इसे आकाशवाणी, डीडी न्यूज, पीएमओ और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के यूट्यूब चैनलों पर भी लाइव-स्ट्रीम किया जाएगा. हिंदी प्रसारण के तुरंत बाद आकाशवाणी क्षेत्रीय भाषाओं में भी मन की बात कार्यक्रम को प्रसारित करेगा.

इससे पहले अपने मन की बात के 105वें एपिसोड में पीएम नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग और जी-20 के सफल आयोजन से जुड़े मुद्दों पर बात की थी. पीएम मोदी ने कहा था कि उनको पिछले कुछ इन दिनों में सबसे ज्यादा पत्र, सन्देश दो विषयों पर मिले हैं. जिनमें पहला विषय है, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और दूसरा विषय है दिल्ली में G-20 का सफल आयोजन. पीएम मोदी ने कहा कि जब चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा पर उतरने वाला था, तब करोड़ों लोग अलग-अलग माध्यमों के जरिए एक साथ इस घटना के पल-पल के साक्षी बन रहे थे. इसरो के YouTube Live चैनल पर 80 लाख से ज्यादा लोगों ने इस घटना को देखा, यह अपने आप में ही एक रिकॉर्ड है.

पीएम मोदी ने मन की बात के 105वें एपिसोड में कहा था कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद G-20 के शानदार आयोजन ने हर भारतीय की खुशी को दोगुना कर दिया. भारत मंडपम तो अपने आप में एक सेलिब्रिटी की तरह हो गया है. लोग उसके साथ सेल्फी खिंचा रहे हैं और गर्व से पोस्ट भी कर रहे हैं. भारत ने इस समिट में अफ्रीकन यूनियन को G-20 में पूर्ण सदस्य बनाकर अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है

पीएम मोदी ने कहा था कि आपको ध्यान होगा, कि जब भारत बहुत समृद्ध था, उस जमाने में हमारे देश में, और दुनिया में सिल्क रूट की बहुत चर्चा होती थी. ये सिल्क रूट व्यापार-कारोबार का बहुत बड़ा माध्यम था. अब आधुनिक जमाने में भारत ने एक और इकोनॉमिक कॉरिडोर,G-20 में सुझाया है. ये है इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर. ये कॉरिडोर आने वाले सैकड़ों वर्षों तक विश्व व्यापार का आधार बनने जा रहा है, और इतिहास इस बात को हमेशा याद रखेगा कि इस कॉरिडोर का सूत्रपात भारत की धरती पर हुआ था.

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