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मणिपुर में हिंसा के 2 साल बाद PM का दौरा,₹7,300 करोड़ की परियोजनाओं का किया शिलान्यास

इंफाल/चुराचांदपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मणिपुर दौरे पर पहुंचे। राज्य में मई 2023 में भड़की हिंसा के बाद यह उनका पहला दौरा है। पीएम मोदी ने इस दौरान चुराचांदपुर और इंफाल का दौरा किया। गौरतलब है कि 1988 के बाद यह पहला अवसर है, जब कोई प्रधानमंत्री चुराचांदपुर पहुंचे हैं। इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी यहां आए थे।

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चुराचांदपुर से शुरुआत

प्रधानमंत्री ने अपने दौरे की शुरुआत कुकी बहुल इलाके चुराचांदपुर से की। यह इलाका 2023 की हिंसा के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। यहां प्रधानमंत्री ने ₹7,300 करोड़ से अधिक लागत वाली विकास परियोजनाओं की नींव रखी। इनमें बुनियादी ढांचे, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी कई योजनाएं शामिल हैं।

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चुराचांदपुर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर की धरती साहस और हिम्मत की प्रतीक है। लेकिन बीते समय में हिंसा ने इस खूबसूरत राज्य को गहरे घाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब समय है शांति और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने का।

शांति का संदेश

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प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से शांति कायम रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं सभी संगठनों और समुदायों से निवेदन करता हूं कि वे हिंसा छोड़कर विकास और सपनों की राह पर आगे बढ़ें। अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित बनाना ही सबसे बड़ा संकल्प होना चाहिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि भारत सरकार हमेशा आपके साथ है।”

उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर का विकास सिर्फ राज्य ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर और देश के लिए अहम है। केंद्र सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है और आने वाले वर्षों में यहां बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।

इंफाल की ओर रवाना

चुराचांदपुर में कार्यक्रम संपन्न करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी इंफाल के लिए रवाना हुए। इंफाल को मैतेई बहुल क्षेत्र माना जाता है। वहीं, चुराचांदपुर कुकी बहुल है। 2023 की हिंसा के बाद से दोनों समुदायों के बीच आना-जाना लगभग बंद है। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह दौरा शांति स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

राजनीतिक और सामाजिक महत्व

प्रधानमंत्री का यह दौरा कई मायनों में खास है। एक ओर यह विकास परियोजनाओं की शुरुआत है, वहीं दूसरी ओर यह संदेश भी है कि केंद्र सरकार मणिपुर को लेकर गंभीर है। लंबे समय से यहां की स्थिति को सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पीएम मोदी का सीधे प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचना और वहां की जनता से संवाद करना, शांति प्रक्रिया को गति देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

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