घर में सोई नाबालिग पुलिस को देवास रेलवे स्टेशन पर मिली

बाल अपचारी को कोर्ट में पेश कर बाल संप्रेक्षणगृह भेजा
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। नाबालिग बालिका के किडनेपिंग केस में पंवासा पुलिस ने उसे देवास रेलवे स्टेशन से ढूंढकर सुरक्षित परिजनों के हवाले किया। वहीं बाल अपचारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से बाल संप्रेक्षणगृह भेज दिया गया।
पुलिस ने बताया कि पंवासा थाना क्षेत्र में रहने वाली फरियादिया ने 28 अक्टूबर को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें बताया था कि 27 अक्टूबर को उनकी नाबालिग बंटी खाना खाने के बाद रात करीब 10.30 बजे सोने चली गई। अगले दिन सुबह बेटी घर में नहीं थी। इससे माता-पिता घबरा गए और उन्होंने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों एवं परिचितों में तलाश किया लेकिन पता नहीं चला। इसके बाद उन्होंने पंवासा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
चूंकि मामला गंभीर था, ऐसे में पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया, सीसीटीवी कैमरे खंगाले, तकनीकी विश्लेषण किया। इसी बीच मुखबिर ने बालिका को देवास रेलवे स्टेशन पर देखे जाने की सूचना दी जिसके बाद टीम ने दबिश देकर बालिका को दस्तयाब करते हुए बाल अपचारी को पकड़ा। बालिका के कथन एवं जांच के आधार पर पुलिस ने प्रकरण में धारा 87 बीएनएस, धारा 64(2)(एम) बीएनएस, धारा 65(1) बीएनएस और धारा 3/4, 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट बढ़ाई और आरोपी (बाल अपचारी) को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे बाल संप्रेषणगृह भेजा गया। वहीं नाबालिग को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
इधर, 3 साल से लापता जामनगर से मिली
इधर, तीन साल से लापता नाबालिग बालिका को उन्हेल पुलिस ने गुजरात के जामनगर से सुरक्षित ढूंढ निकाला है। पुलिस ने बताया कि 8 जनवरी 2023 को ग्राम सरवना के रहने वाले फरियादी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसकी १६ वर्षीय छोटी बहन घर से कपड़े खरीदने का बोलकर उन्हेल गई थी लेकिन फिर वापस नहीं लौटी। इसके बाद रिश्तेदारों और आसपास के गांव में तलाश किया लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद उसने किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसे बहला-फुसलाकर ले जाने की आशंका जताई। मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर नाबालिग की तलाश के लिए काफी प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद स्पेशल टीम बनाई गई जिसने तकनीकी सूचना के आधार पर नाबालिग को मंगलवार को गुजरात के जामनगर से सकुशल दस्तयाब किया।
विक्षिप्त को एक घंटे में परिजन से मिलवाया
उज्जैन। पुलिस को उसकी सख्ती के लिए जाना जाता है लेकिन अब घट्टिया पुलिस ने एक मानसिक विक्षिप्त बुजुर्ग को उसके परिवार से मिलकर मानवता की मिसाल कायम की। पुलिस के मुताबिक उज्जैन के पीपलीनाका के रहने वाले ७५ वर्षीय जगदीश सिंह मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं और घट्टिया थाना पुलिस को मंगलवार को बस स्टैंड पर घूमते मिले। वह स्पष्ट रूप से अपनी पहचान नहीं बता पा रहे थे। इसके बाद उन्हें थाने लाया गया और पुलिस ने उनके परिजनों की तलाश शुरू की। टीआई करण खोवाल के निर्देशन में पुलिस टीम ने महज एक घंटे में वृद्ध के परिवार का पता लगाया और उनके बेटे अर्जुन सिंह को थाने बुलाकर उन्हें सुरक्षित सुपुर्द किया।









