ढाई करोड़ की ऑनलाइन ठगी में पुलिस ने होल्ड कराए सवा करोड़

By AV NEWS

टीआई बोले…तत्काल सूचना मिलती तो पूरे रुपए रिकवर हो सकते थे

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। सायबर ठगी का शिकार हुए हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के सेवानिवृत्त 76 वर्षीय अधिकारी के सवा करोड़ रुपए बैंक में होल्ड करवा दिए गए हैं। मंगल कालोनी में रहने वाले रवीन्द्र पिता भालचंद्र कुलकर्णी को मनी लॉड्रिंग व पोर्न वीडियो के नाम पर एक बदमाश ने स्वयं को मुंबई पुलिस सब इंस्पेक्टर बताया। उन्हें व उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर ढाई करोड़ रुपए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए। 10 से 13 सितम्बर के बीच वृद्ध दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट कर रुपए ठगने की शिकायत पुलिस को 5 दिन बाद मिली।

माधव नगर पुलिस ने तत्काल जिन खातों में रुपए ट्रांसफर हुए थे उन्हें होल्ड करवाने की प्रक्रिया शुरू की तब तक सायबर फ्रॉड सवा करोड़ रुपए ऑनलाइन दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर कर चुके थे। पुलिस ने रविन्द्र कुलकर्णी के मोबाइल पर आए कॉल की जांच भी शुरू की जिसमें पता चला कि वृद्ध दंपत्ति को श्रीलंका, नागालैंड व राजस्थान से कॉल कर डिजिटल अरेस्ट किया गया था। कुलकर्णी दंपत्ति ठगी का शिकार होने के बाद भी बदनामी के डर से थाने में शिकायत करने नहीं पहुंचे।

पांच दिन बाद पुलिस को आवेदन भी दिया तो थाना प्रभारी से रविन्द्र कुलकर्णी ने कहा था कि इसकी जानकारी सार्वजनिक मत करना वरना बदनामी होगी। लोग फोन पर सहानुभूति के नाम पर परेशान करेंगे। सायबर ठगों की भी यही मंशा थी कि वृद्ध दंपत्ति पुलिस को शिकायत नहीं करें।पुलिस द्वारा सायबर फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।सायबर फ्रॉड से संबंधित कोई भी शिकायत नेशनल सायबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की वेबसाइड और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज करा सकते हैं।

डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता। सायबर फ्रॉड द्वारा मनोवैज्ञानिक तरीके से सीनियर सिटीजन के साथ स्वयं को सीबीआई, ईडी, पुलिस, सीआईडी आदि विभागों के अफसर बताकर ठगी की जाती है। यदि किसी व्यक्ति के पास ऐसे फोन अथवा वीडियो कॉल आते हैं तो भयभीत होने की जरूरत नहीं। सीधे पुलिस को सूचना देकर मदद ले सकते हैं।

5 शहरों में दे चुके दबिश

टीआई राकेश भारती ने बताया कि ढाई करोड़ की ऑनलाइन ठगी के मामले में सवा करोड़ रुपए तो बैंक में होल्ड करवा दिए हैं। वहीं दूसरी ओर सायबर सेल की टीम के साथ ठगों की तलाश में 5 शहरों में दबिश दी गई लेकिन उनका सुराग हाथ नहीं लगा है। यदि वृद्ध दंपत्ति ठगी की तत्काल सूचना देते तो अधिक से अधिक राशि की रिकवरी की जा सकती थी।

Share This Article