लड्डू प्रसादी वेंडिंग मशीन की जगह अब काउंटर से प्रसाद

बार-बार खराबी के चलते मशीन को हटाया था, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया था शुभारंभ
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को २४ घंटे लड्डू प्रसाद मिल सके, इसके लिए एटीएम की तरह लगाई लड्डू प्रसाद वेंडिंग मशीन को बार-बार आ रही तकनीकी गड़बड़ी के चलते मई में पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। मशीन को हटाकर अब उसके स्थान पर कैश काउंटर खोल दिया गया। जहां से श्रद्धालु लड्डू प्रसाद खरीद रहे हैं। खास बात यह है कि इस वेंंडिंग मशीन ५ महीने के अंदर ही मशीन में कई खराबी आई जिसके बाद इसे बंद करने का फैसला लिया।
दरअसल, कोयंबटूर की 5जी टेक्नोलॉजिस कंपनी द्वारा बनाई गई मशीन गेट नंबर १ अवंतिका द्वार के समीप लगाई गई थी। १ दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम डॉ. मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसका शुभारंभ किया था। बैंक की प्रोसेस पूरी होने के बाद ४ दिसंबर से इसे श्रद्धालुओं के लिए शुरू कर दिया था लेकिन ३ दिन तक मशीन सही चली लेकिन ७ दिसंबर को इसके सिस्टम में पहली बार तकनीकी खराबी आई थी। जिसके बाद मंदिर समिति ने मशीन बनाने वाली कंपनी के बिजनेस हेड एम. कानन को बुलवाकर इसे दुरुस्त करवाया था लेकिन इसके बाद भी समय-समय पर इसमें गड़बड़ी आती रही जिसके चलते मशीन लंबे समय तक बंद पड़ी रही। मई माह की शुरुआत होते ही मशीन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। अब मशीन की जगह पर काउंटर खोला गया है जहां से अन्य काउंटरों की तरह प्रसाद विक्रय किया जा रहा है।
ऐसे काम करती थी मशीन
सबसे पहले श्रद्धालु मशीन पर दिए क्यूआर कोड को स्कैन करते थे। इसके बाद वह १००, २०० और ५०० ग्राम के लड्डू प्रसाद का चयन करते थे। ऑनलाइन पैमेंट करने के बाद लड्डू प्रसादी का पैकेट मशीन से बाहर आ जाता था। इससे भक्तों को लाइन में लगने की जरूरत नहीं होती थी। यह सुविधा २४ घंटे उपलब्ध थी जिसके चलते कभी भी प्रसाद प्राप्त किया जा सकता था।
130 पैकेट रखने की क्षमता थी
मशीन में एक बार में १००, २०० और ५०० ग्राम के १३० पैकेट रखने की क्षमता थी। इसके बाद इसे दोबारा रिफिल करना पड़ता था। इसमें कर्मचारियों को ३० मिनट का समय लगता था। इसके अलावा मशीन ऑपरेट करने के लिए मंदिर प्रशासन ने इसके लिए कर्मचारियों को फाइव जी टेक्नोलॉजिस के बिजनेस हेड एम. कानन से बेसिक ट्रेनिंग भी दिलवाई थी ताकि छोटी-मोटी समस्या को ऑन द स्पॉट दूर किया जा सके।
देश का पहला मंदिर जहां यह सुविधा थी
मंदिर समिति को एक भक्त ने यह मशीन भेंट की थी। इसके लगने के बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर देश का पहला ऐसा मंदिर बन गया था जहां यह हाईटेक सुविधा शुरू हुई थी। देश के किसी अन्य मंदिर में अब तक फिलहाल ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है लेकिन जितनी जल्दी यह सुविधा शुरू हुई उससे दोगुनी तेजी यानी पांच माह में ही यह बंद हो गई है।