Premature बच्चों की परवरिश में न करें ऐसी गलतियां

‘प्रीमेच्योर बेबी के जन्म का मतलब है कि वह उसका जन्म समय से पहले हो गया है। आमौर पर एक सामान्य गर्भावस्था 40 सप्ताह तक चलती है। वहीं, अगर बच्चे का जन्म इस निश्चित समय से पहले हो जाए, तो इसे प्रीमेच्योर बेबी बर्थ कहा जा सकता है।’ जिन शिशुओं का जन्म समय से पहले हो जाता है, उन्हें कई तरह की समस्याओं का समाना करना पड़ता है।  आइए जानते हैं कि ऐसे शिशु की आप कैसे एक्स्ट्रा केयर कर सकते हैं….

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तापमान को रखें सही

नवजात शिशु के कमरे में तापमान कैसा है इस बात का पेरेंट्स को खास ध्यान रखना चाहिए। ध्यान रखें कि बच्चे के आस-पास का वातावरण आरामदायक और सुरक्षित हो। इसके अलावा शिशु को ज्यादा गर्म या ठंडे पानी से बिल्कुल न नहलाएं इससे उनके शरीर को नुकसान हो सकता है। नहलाने के बाद सीधे शिशु को पंखे या कूलर के नीचे भी न लेकर जाएं। इसके अलावा यदि उन्हें कोई सांस संबंधी तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

स्तनपान 

साफ-सफाई 

नवजात शिशु बहुत जल्दी इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं इसलिए उनके आस-पास साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। इसके अलावा उन्हें समय-समय पर कॉटन के साथ साफ करें। शरीर से मैल साफ करने के लिए आप गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। साफ-सफाई का ध्यान रखकर आप शिशु की ग्रोथ सही होने में मदद कर सकते हैं।

 इंफेक्शन

प्रीमेच्योर बच्चों को इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। समय से पहले बच्चों को एनीमिया की समस्या हो सकती है। इसके अलावा प्रीमेच्योर बच्चों को पीलिया, रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, हाइपोर्थमिया जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।

कंगारु मदर केयर थेरेपी की मदद लें

इस थेरेपी में बच्चे को शरीर की गर्मी दी जाती है ताकि उसका वजन बढ़ सके। जरुरी नहीं है कि इस थेरेपी में सिर्फ मां का ही स्पर्श बच्चे को मिले। घर का कोई भी सदस्य पूरी साफ-सफाई का ध्यान रखें हुए शिशु के शरीर को गर्माहट दे सकता है।

हाथ धोकर शिशु को गोदी उठाना

हमारे यहां आमतौर पर ऐसा बहुत कम होता है कि लोग हाथ धोकर नए जन्मे शिशु को गोदी में उठाते हैं। यह तरीका बिल्कुल सही नहीं है। प्रीमेच्योर बेबी को गोदी में उठाते वक्त न सिर्फ अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं, बल्कि सेनिटाइजर की मदद से सेनिटाइज भी करें। इस तरह, आपके हाथ में लगे बैक्टीरिया शिशु के शरीर तक पहुंचकर उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे।

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