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प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम अब सेवा तीर्थ

देश में राजभवनों का नाम लोकभवन किया जाएगा

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प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम बदल गया है। अब पीएमओ को ‘सेवा तीर्थ’ के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही केंद्रीय सचिवालय के नाम में भी बदलाव किया गया है। सचिवालय का नाम कर्तव्य भवन कर दिया गया है। इन बदलावों के साथ-साथ केंद्र सरकार ने देश में राज भवनों का नाम बदल कर लोक भवन करने का भी एलान किया है। इसके पहले दिल्ली में राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया था। वहीं प्रधानमंत्री आवास अब लोक कल्याण मार्ग कहलाता है।

इन बदलावों के बीच उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत देश के 8 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश ने अपने राजभवनों के नाम में बदलाव किया गया है। यह बदलाव गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक निर्देश के बाद किए गए हैं। मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में पिछले साल राज्यपालों के सम्मेलन में हुई एक चर्चा का हवाला देते हुए कहा है कि राजभवन नाम औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।

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गृह मंत्रालय का पत्र

राज्यों के गवर्नर और  केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर के मुख्यसचिव या सचिव को लिखे एक पत्र में गृह मंत्रालय ने पिछले साल हुई राज्यपालों की कॉन्फ्रेंस में दिए गए सुझाव का जिक्र किया है। जिसमें राजभवन का नाम बदलकर लोकभवन कर दिया जाए क्योंकि राजभवन शब्द से कॉलोनियलिज़्म को दर्शाता है। गृह मंत्रालय के निर्देश में कहा गया है, इसलिए यह गुजारिश की जाती है कि सभी आधिकारिक कामों के लिए राज्यपाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यालयों का नाम ‘लोकभवन’ और ‘लोक निवास’ रखा जाए।

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इन राज्यों ने बदले अपने राज भवनों के नाम

गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने कार्यालयों से ‘राज’ शब्द हटाना शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, उत्तराखंड, ओडिशा, गुजरात और त्रिपुरा ने ‘राजभवन’ का नाम बदलकर ‘लोकभवन’ कर दिया है। लद्दाख के राज निवास का नाम बदलकर ‘लोक निवास’ कर दिया गया है। इस सूची में एक और राज्य जुड़ गया है। राजस्थान ने भी राजभवन का नाम बदलने का एलान कर दिया है।

अंग्रेजों की निशानियों को मिटाने पर जोर

मोदी सरकार भारत में अंग्रेजों की निशानियों को मिटाने पर काम कर रही है। इसने पहले मोदी सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया था। सरकारी वेबसाइटें अब पहले हिंदी में कंटेंट दिखाती हैं, हालांकि अंग्रेजी का ऑप्शन भी दिया जाता है। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में बैंड अब ‘एबाइड विद मी’ जैसे इंग्लिश गाने नहीं बजाए जाते हैं।

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