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शिप्रा के घाटों और पुलों से अब तक नहीं हटाई रेलिंग, बाढ़ में बह जाने का खतरा

मानसून की दस्तक के साथ ही नदी का जलस्तर बढ़ा, दत्त अखाड़ा घाट की पुलिया डूबी

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन मानसून सीजन शुरू हो चुका है। नदी नालों में पानी का लेवल भी बढऩे लगा है, लेकिन पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के विभागों की पुलों पर लगी रेलिंग व नदी किनारे पड़े बैरिकेड्स हटाने की सुध तक नहीं है।

 

बारिश सीजन शुरू होने के पहले पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा नदी के ऊपर बने पुलों पर लगी रेलिंग को हटाने का काम किया जाता है ताकि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर नदी में बहकर आने वाले पेड़ आदि पुल पर लगी रेलिंग में अटककर पुल को क्षतिग्रस्त न कर दे। प्रतिवर्ष विभाग द्वारा पुलों से रेलिंग हटाने का काम बारिश सीजन शुरू होने के पहले ही कर लिया जाता है लेकिन इस वर्ष अब तक शिप्रा नदी के किसी भी पुल से रेलिंग नहीं हटाई गई है। इधर नगर निगम द्वारा भीड़ प्रबंधन के मद्देनजर शिप्रा नदी के घाटों पर रखे गये बेरिकेड्स भी नहीं हटाये गये हैं।

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दर्जनों की संख्या में उक्त बेरिकेड्स नृसिंहघाट से लेकर बड़े पुल तक शिप्रा नदी के घाटों पर पड़े हैं। इनमें कुछ बेरिकेड्स पीडब्ल्यूडी विभाग के भी हैं। पिछले दिनों शिप्रा नदी के घाट पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उक्त बेरिकेड्स को घाटों पर भीड़ प्रबंधन के लिये रखा गया था। वर्तमान में शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। दत्त अखाड़ा रपट के ऊपर से पानी बह रहा है। यदि नगर निगम द्वारा उक्त बेरिकेड्स हटाने का काम नहीं किया गया तो बाढ़ की स्थिति में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी उक्त बेरिकेड्स बहकर बीच नदी में पहुंच जाएंगे।

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