महाकालेश्वर मंदिर के जूता स्टैंड पर वसूली कर्मचारियों ने लिए श्रद्धालुओं से रुपए

वसूली का वीडियो बनाने वाले युवक को पीटा और पुलिस के हवाले किया
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
सच्चाई पता चलने पर पुलिस ने दो कर्मचारियों को थाने में बैठाया

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर के जूता स्टैण्ड पर श्रद्धालुओं से जूते-चप्पल रखने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। बैतूल के एक युवक ने जब वसूली का विरोध किया और वीडियो बनाया तो स्टैंण्ड कर्मचारियों ने उसे पीटकर पुलिस के हवाले कर दिया। थाने में जब पुलिसकर्मियों को सच्चाई पता चली तो उन्होंने दो कर्मचारियों को थाने में बैठा लिया।
मामला रविवार सुबह अवंतिका द्वार के पास स्थित जूता स्टैंड का है। यहां बैतूल के शिवराज ठाकुर पिता परमाल सिंह 22 वर्ष ने जूते रखे थे। दर्शन करने बाद वह बारिश से बचने के लिए स्टैण्ड के शेड में खड़ा था। इस दौरान कर्मचारियों ने उसे जाने को कहा और अपशब्द कहे।
शिवराज चुप रहा लेकिन उसने इसी दौरान स्टैण्ड कर्मचारियों का श्रद्धालुओं से रुपए लेने का वीडियो बना लिया। इसकी जानकारी जब कर्मचारियों को लगी तो उन्होंने शिवराज को पकड़ा और पीटते हुए पुलिस को सौंप दिया। पुलिसकर्मियों ने जब उससे पूछताछ की तो उसने स्टैंण्ड पर हो रही अवैध वसूली का हवाला दिया और वीडियो दिखाया। इसके बाद पुलिसकर्मी स्टैंण्ड पर पहुंचे और केएसएस कंपनी के कर्मचारी संतोष चौधरी और कन्हैया चौधरी को पकड़कर थाने लाए।
वीडियो डिलीट करने के रुपए दिए
स्टैंड कर्मचारियों को जब इस बात की जानकारी लगी कि शिवराज ने रुपए लेने के वीडियो बना लिए हैं तो पहले दो कर्मचारी उसे पकड़कर एक तरफ ले गए और 750 रुपए देकर वीडियो डिलीट करने को कहा। शिवराज ने उनसे कहा कि यह तुम गलत कर रहे हो ऐसा नहीं करना चाहिए तो दोनों कर्मचारी भड़क गए और उसे पीटने लगे। शिवराज स्वयं को बचाने मंदिर में जाने लगा तो अन्य कर्मचारी भी आ गए और उसे शराबी बताकर महाकाल चौकी के पुलिसकर्मियों के पास ले गए। यहां महाकाल थाने की पुलिस को बुलाकर उन्हें सौंपा गया।
यह दिख रहा है वीडियो में
शिवराज द्वारा बनाए गए वीडियो में जूता स्टेण्ड का कर्मचारी कन्हैया रुपए लेते हुए दिखाई दे रहा है। श्रद्धालु से रुपए लेने के बाद वह रुपए तन्नू चावरे को दे रहा है। इस दौरान संतोष चौधरी भी खिड़की पर आकर श्रद्धालु से रुपए लेते हुए दिखाई दे रहा है। शिवराज द्वारा बनाए गए वीडियो में पूरा घटनाक्रम उसके बताए अनुसार दिख रहा है, लेकिन केएसएस के कर्मचारी इसे नकार रहे हैं जिसकी जांच अब पुलिस कर रही है।
हमने नहीं दूसरे कर्मचारी ने रुपए लिए
संतोष चौधरी और कन्हैया चौधरी से चर्चा की तो उनका कहना था कि हमने रुपए नहीं लिए हैं, शिवराज के जूते गुम हो गए थे इसलिए उसे दूसरे जूते खरीदने के लिए रुपए दिए थे। श्रद्धालुओं से रुपए लेने वाले कर्मचारी का नाम तन्नू चावरे और एक अन्य है जिसकी ड्यूटी खत्म होने पर वह चला गया है। इस दौरान केएसएस कंपनी के सुपरवाईजर उक्त कर्मचारियों को थाने से छुड़ाने के प्रयास में लग चुके थे।
शिवराज ने सुनाई आपबीती
शिवराज ठाकुर ने बताया कि वह बैतूल का रहने वाला है और पीथमपुर की आयशर कंपनी में काम करता है। वह ट्रेन से रात 12 बजे उज्जैन स्टेशन आया था और यहां से सीधे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा। अवंतिका द्वार के स्टेण्ड पर जूते रखने के बाद मंदिर दर्शन करने गया था। लौटने पर उक्त घटना हुई। यदि पुलिस को मैं वीडियो नहीं दिखाता तो शायद कर्मचारी मुझे शराबी घोषित कर जेल भिजवा देते।









