उज्जैन। त्योहारी छुट्टियों के कारण शहर के अधिकांश दिन कार्यालय बंद रहे। जब खुले तो चुनाव की ड्यूटी के चलते कर्मचारियों की कमी के कारण कई कार्यालयों में काम नहीं हो पा रहे थे। लोगों के राजस्व से लेकर नगर निगम के काम अटके हुए हैं। चुनाव 17 नवंबर को संपन्न हो गए।
अब 3 दिसंबर को मतगणना होगी। हालांकि उसके बीच सोमवार से लेकर 24 नवंबर तक एक बार फिर से सभी कार्यालय में नियमित कार्य होगा। इस दौरान लोग अपने-अपने काम करवा सकेंगे। इसके बाद महीने के अंतिम सप्ताह में मतगणना की तैयारी शुरू हो जाएगी। इससे राजस्व के काम फिर से प्रभावित होंगे।
शहर में त्योहार और चुनाव के चलते लगातार 10 दिन तक छुट्टी रही। धनतेरस के अवकाश के बाद शनिवार से लेकर 15 नवंबर तक सरकारी अवकाश रहे। 16 और 17 नवंबर को चुनाव के चलते अवकाश रहा। इसके बाद शनिवार और रविवार के चलते अब तक अधिकांश सरकारी दफ्तर बंद रहे। इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों चुनाव में ड्यूटी लगी थी। ऐसे में राजस्व से लेकर नगर निगम और अन्य कई सरकारी दफ्तरों में रोजमर्रा के कामों पर असर पड़ा।
राजस्व में इस तरह प्रभावित हुए थे काम
राजस्व में नामांतरण से लेकर बंटान, ईडब्ल्यूएस समेत अन्य तरह के काम होते हैं। पटवारी से लेकर तहसीलदार, एसडीएम और एडीएम तक की चुनाव में ड्यूटी रही। तहसीलदार से लेकर एसडीएम और एडीएम चुनावी ड्यूटी में लगे रहने के कारण कोर्ट नहीं लगा पाए। अब नियमित कोर्ट लगने से लोगों को राहत मिलेगी।
स्कूलों में भी नियमित पढ़ाई शुरू
त्योहार और चुनाव के चलते सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी लग गई थी। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगी थी, जबकि प्राइवेट स्कूलों की बसों को चुनाव में लगाया गया था। 18 नवंबर को पेरेंटस ने अपनी व्यवस्था से बच्चों को स्कूल छोड़ा था। सोमवार से स्कूल पूरी तरह खुल गए।