आदेश जारी होने पर झोन इंजीनियरों में मचा हड़कंप….
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बार-बार गुल हो रही बिजली को लेकर सख्त आदेश जारी किया है। इसमें एक घंटे में यदि आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो संबंधित इंजीनियरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद बिजली कंपनी के झोन कार्यालयों में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, तेज हवा और बारिश के कारण बार-बार गुल हो रही बिजली कहीं आगामी चुनावी में मुद्दा न बन जाए, शासन स्तर पर इसका डर देखा जा रहा है। हाल ही में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय से ताजा आदेश जारी हुआ है। आदेश की पहली ही लाइन में आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव तथा वर्षा ऋतु को देखते हुए विद्युत प्रदाय पर ध्यान देने की बात कही गई है। अधीक्षण यंत्री और जोन के प्रभारी इंजीनियरों को आदेश दिया गया है कि जून में अब मेंटेनेंस के लिए बिजली बंद करने का कोई परमिट जारी नहीं किया जाएगा।
बहाल की जिम्मेदारी जोन के इंजीनियरों पर
आदेश में कार्यपालन यंत्रियों को कहा गया है कि बिजली गुल हो तो एक घंटे के अंदर सुधार पूरा कर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। साथ ही 11 केवी के प्रत्येक फीडर के लिए अलग-अलग इंजीनियर को प्रभारी बनाया गया है। हर फीडर पर आपूर्ति नियमित रखना और निगरानी से लेकर सुधार तक की जिम्मेदारी जोन के इंजीनियर की होगी। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि एक घंटे में बिजली सुधार नहीं हुआ और फीडर के सुधार व निगरानी को लेकर किसी तरह की लापरवाही हुई तो संबंधित इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
झोन कार्यालयों में असंतोष
उल्लेखनीय है कि विद्युत वितरण कंपनी में फीडरों में फाल्ट और अन्य देखरेख की जिम्मेदारी अब तक हाई टेंशन (एचटी) सेक्शन के पास रहती है। इस आदेश से उस जिम्मेदारी को भी झोन कार्यालयों पर डाल दिया गया है। वहीं झोन के पास अपने क्षेत्र के फाल्ट ठीक करने का काम होता है। शहर के झोन पहले से लाइनमैन और संसाधन की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अब झोन पर एचटी का अतिरिक्त काम की परेशानी बढ़ाती दिख रही है। आदेश जारी होने के बाद झोन कार्यालयों में पदस्थ इंजीनियरों और लाइनमैनों में असंतोष सा व्याप्त हो गया है।