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ठंड का रिवर्स गियर…सर्द हवा ने बढ़ाई ठिठुरन

रात का तापमान लुढक़कर 11.4 पर पहुंचा 6 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवाएं]

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उज्जैन। ठंड ने एक बार फिर से रिवर्स गियर लगाया है जिसके असर के चलते मौसम ने फिर करवट बदली है। पिछले तीन दिनों से जारी ठिठुरन शनिवार को भी बरकरार रही जिससे शहरवासी गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए। वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से उत्तर भारत में बर्फबारी हुई जिसके चलते उत्तरी सर्द हवाएं आ रही हैं।

इसी के चलते शुक्रवार को अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, वहीं शनिवार को न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम में आ रहे बदलाव के चलते सर्दी, खांसी, बुखार, वायरल फीवर के मरीज भी बढ़े हैं। इसी से पीडि़त तकरीबन 50 मरीज रोज चरक अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मौसम में सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

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इधर, शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया कि शनिवार से एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) सक्रिय हुआ है जिसका असर रविवार को भी रहेगा। इससे हवा थम सकती है जिससे तापमान ऊपर जाएगा और गर्मी का एहसास होगा। विक्षोभ के गुजरते ही दो दिन बाद फिर से ठंडी हवा चलेगी जिससे तापमान लुढक़ेगा। होली तक इसी तरह का मौसम रहने का अनुमान है।

मौसम में बदलाव बिगाड़ रहा सेहत

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चरक की ओपीडी में उल्टी, पीलिया और टायफाइड के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे

उज्जैन। मौसम में बदलाव और ठंड बढऩे से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। पिछले सप्ताह तापमान भी सामान्य से बढ़ गया और इसके बाद फिर तेज ठंड शुरू हो गई। इसके कारण चरक अस्पताल की ओपीडी में उल्टी, पीलिया और टायफाइड के 50 से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।

मेडिकल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया बदलते मौसम में सामान्य रूप से लोगों को डीहायड्रेशन की समस्या होती है। बाजार में खाने वाले लोग तुरंत बीमारी का शिकार होते हैं। अनियमित भोजन से लोग बीमार होकर उपचार के लिए अस्पताल आ रहे हैं। इनमें अधिकांश संख्या 8 से 18 की उम्र के बच्चों की है।

पिछले तीन दिनों में ओपीडी में मौसमी बुखार, सर्दी, खांसी के अलावा पेट की तकलीफ और पीलिया व टायफायड के 50 से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि बीमारी से बचाव के लिए लोगों को हल्का व संतुलित भोजन करना आवश्यक है। बाजार में बनने वाले फास्र्ट फूड्स के सेवन से बचें। इस प्रकार के भोजन के लिए यह मौसम अनुकूल नहीं है।

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