महाकाल मंदिर तक रोप-वे: कंपनी ने ले आउट दिया, अब मंजूरी का इंतजार

कंसल्टेंट से एक हफ्ते में हरी झंडी मिलने की उम्मीद, सोमवार से काम शुरू करने की तैयारी

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उज्जैन। उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर के पास महालोक तक रोप वे प्रोजेक्ट का काम शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। उड़ीसा की कंपनी ने ऑस्ट्रिया से डिजाइन तैयार कराकर ले आउट राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्राधिकरण को पेश कर दिया है। इसे अब कंसल्टेंटनके पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। अगर डिजाइन को मंजूरी समय पर मिली तो अगले हफ्ते सोमवार से काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

199 करोड़ रुपए से महाकाल रोप वे प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी लंबे समय से चल रही लेकिन अभी यह प्रोजक्ट तकनीकी डिजाइन में रुका हुआ है। उड़ीसा की एमएस इंफ्रा इंजीनियर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ऑस्ट्रिया की डोपेल मेयर कंपनी से तकनीकी ड्राइंग और डिजाइन तैयार कराई है। इसका ले आउट भी तैयार हो गया है। इसके अनुसार रोप वे के 13 टॉवर बनाए जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार तकनीकी डिजाइन को अब कंसल्टेंट के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। कंसल्टेंट की स्वीकृति के बाद रोप वे का काम शुरू किया जा सकेगा। सिंहस्थ 2028 से पहले यह प्रोजेक्ट शुरू करने का टारगेट है। इस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्राधिकरण इसे जल्द शुरू करने की तैयारी में जुटा हुआ है। हालांकि टॉवर बनाने का काम एक साल में होने की संभावना है, क्योंकि एक माह में एक टॉवर बनाया जा सकता है। रोप वे में 50 से ज्यादा कैबिन रहेंगे, जिस पर बैठकर श्रद्धालु महाकाल मंदिर के पास पहुंच सकेंगे। स्टेशन से महाकाल मंदिर तक 1.76 किमी की दूरी रोप वे से पार कर लोग त्रिवेणी संग्रहालय के पास पहुंच सकेंगे।

सोमवार से काम शुरू करने पर फोकस
एनएचएलएमएल इस प्रोजक्ट को भगवान शिव के दिन सोमवार से शुरू करने पर ताकत लगा रहा। अभी 21 जुलाई को श्रावण के दूसरे सोमवार का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब कंसल्टेंट से तकनीकी डिजाइन को मंजूरी मिल जाए।

तकनीकी डिजाइन कंसल्टेंट को भेजी
यह सही है कि महाकाल रोप वे प्रोजेक्ट की तकनीकी डिजाइन ठेकेदार कंपनी द्वारा पेश कर दी गई है। अभी इसे कंसल्टेंट के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है।
रवींद्र गुप्ता, प्रभारी अधिकारी, राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्राधिकरण

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