देवासगेट पर आरटीओ आरक्षक को चाकू मारे, दोस्त पर भी किया हमला

By AV News

साइकिल रास्ते से हटाने की बात को लेकर दोस्तों को बुला लिया

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। देवासगेट इलाके में एक बार फिर अराजकता जैसी स्थिति बन गई है। यहां मामूली सी बात को लेकर यातायात विभाग के पूर्व डीएसपी और उनके आरटीओ में आरक्षक पद पर काम करने वाले बेटे सहित उसके दोस्त पर चाकुओं से हमला किया गया। घटना से क्षेत्र में कुछ समय के लिए अफरा तफरी का माहौल बन गया। दोनों घायलों को पहले चरक अस्पताल और गंभीर हालत होने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद तीनों हमलावर फरार हो गए। देवासगेट पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

पुलिस के अनुसार महानंदा नगर निवासी विजेंद्र पिता नागेंद्रसिंह देवड़ा ने बताया कि उनके मित्र यातायात विभाग के पूर्व डीएसपी अजय पंवार के बेटे महाश्वेता नगर निवासी 39 वर्षीय अभिजीत सिंह (आरटीओ आरक्षक), महाश्वेता नगर निवासी निशांत पिता नंदकिशोर कुमरावत ने फ्रीगंज स्थित एक होटल में भोजन किया। इसके उपरांत सभी ने तय किया कि देवासगेट बस स्टेंड पर चाय का आनंद लेंगे।

रात 11.35 पर कार से देवासगेट पहुंचे। चाय की दुकान के सामने कार रोकी। कार के सामने एक साइकिल खड़ी थी। वहीं एक व्यक्ति भी दिखाई दिया। उससे कहा कि साइकिल एक तरफ खड़ी कर दे। युवक ने ध्यान नहीं दिया। अभिजीत और निशांत कार से उतरे। दोनों ने साइकिल को एक तरफ कर दिया। वे दोनों पुन: कार में बैठने ही वाले थे कि सामने खड़े युवक ने अपने दोस्तों को आवाज लगाई। उसने कहा कि इन दोनों को सबक सिखाना है और बताना है कि साइकिल को हाथ लगाना क्या होता है।

लौटकर देखा दोनों तड़प रहे थे

विजेंद्र सिंह ने बताया कि वह कार को एक तरफ लगाने के लिए आगे बढ़ गया। इधर उस युवक ने अपने दोस्तों को बुला लिया और अभिजीत तथा निशांत पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। जब चीख सुनाई दी तो वह अपने दोस्तों को बचाने दौड़ा। हमलावर हमला कर भाग चुके थे। बदमाशों ने अभिजीत के दाहिने फेफड़े और कमर में चाकू मारे थे। उसके शरीर से खून बह रहा था और वह तड़प रहा था। उधर निशांत को बाएं तरफ हार्ट के नीचे चाकू लगा था। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग भी मदद के लिए आए। दोनों को चरक अस्पताल ले जाया गया।

8 दिन पहले ठेला लगाया था इंद्रेश ने

पुलिस ने बताया कि जब घायलों के बयान लिए गए तब इंद्रेश कुशवाह का नाम सामने आया। बताया कि जब हमला हो रहा था तब हमलावर इंद्रेश का नाम ले रहे थे और कह रहे थे कि इसे मत छोडऩा। जब पुलिस ने जानकारी ली तो पता चला इंद्रेश ने 8 दिन पहले ही देवासगेट पर चाय का ठेला शुरू किया था। पुलिस का कहना है कि हमलावर अशोक नगर, गुना के रहने वाले हैं। उनकी तलाश शुरू कर दी गई है।

बेवड़ों और बदमाशों का जमघट…

दे वासगेट पर रात 10 बजे बाद बेवड़ों और बदमाशों का जमघट शुरू हो जाता है। ये रात १२ बजे तक इस इलाके में तफरीह करते रहते हैं। भोजन कहीं भी करे, लेकिन चाय पीने और पान-पाउच चबाने देवासगेट पर ही आते हैं। कई बार इनके बीच विवाद होते देखे गए हैं। गनीमत यह है कि उनके ही साथ के लोगों ने उन्हें समझाकर शांत कर दिया, वरना यहां आए दिन खून-खराबा हो जाए। खास बात यह है कि रेलवे स्टेशन और देवासगेट का संगम होने के बावजूद पुलिसकर्मी यहां दिखाई नहीं देते। चाय की दुकान रात २ बजे तक खुली रहती है। पान की दुकान पर भी यह सेवा इतनी बजे तक हो जाती है। यदि पुलिस ने ध्यान नहीं दिया तो यहां वारदातें होती रहेंगी।

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