बवाल होने के बाद भी महाकाल में टूट रहे नियम

सावन शिवरात्रि पर दिनभर गर्भगृह देहरी से दर्शन हुए, यहां से अनुमति का प्रावधान ही नहीं
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उज्जैन। सावन सोमवार को इंदौरी विधायक गोलू शुक्ला और उनके बेटे रुद्राक्ष द्वारा नियमविरुद्ध गर्भगृह में प्रवेश करने के मामला पूरे देशभर में छाया हुआ है। लेकिन मंदिर प्रशासन अभी-भी व्यवस्था में सुधार के मूड में नहीं हैं। बुधवार को सावन शिवरात्रि के दिन भी मंदिर कर्मचारियों के सहयोग से ही मंदिर के बनाए दर्शन नियम टूटते रहे।
गर्भगृह-नंदी हॉल को फूलों से सजाया, घर-मंदिरों में भी हुर्ई पूजन: सावन शिवरात्रि के मौके पर श्री महाकाल मंदिर के गर्भगृह-नंदी हॉल में फूलों से सजावट की गई। हजारों लोगों ने भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया और दर्शन कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। सावन शिवरात्रि पर हर साल की तरह सीहोर के कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने पार्थिव शिवलिंग की ऑनलाइन अनुष्ठान करवाया। घर-घर पार्थिव शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया गया। पूजा के बाद पार्थिव शिवलिंग विसर्जन के लिए नदी और प्राचीन सरोवरों पर काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्री महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि सालभर में 12 शिवरात्रियां होती हैं, सावन माह की शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है।
नंदी हॉल भी फुल रहा
बुधवार को नंदी हॉल भी फुल रहा। जबकि सावन शुरू होने के पहले ही मंदिर समिति ने तय किया था कि जो अति महत्वपूर्ण व्यक्ति होंगे उन्हें ही प्रोटोकॉल जारी कर नंदी हॉल से दर्शन कराया जाएगा। कम महत्वपूर्ण को गणेश मण्डप की पहली रैक से दर्शन कराएंगे। लेकिन हालात विपरीत रहे। नंदी हॉल अकसर खचाखच रहा। मंदिर के सत्कार विभाग के कर्मचारियों के अलावा पुलिस, प्रशासन के नुमांइदे भी अपने साथ दर्शनार्थियों को लेकर नंदी हॉल पहुंचे।
मंदिर समिति के नियमों के मुताबिक गर्भगृह की देहरी से दर्शन कराने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रोटोकाल के तहत वीआईपी को नंदी हाल से दर्शन कराने का प्रावधान जरूर है। लेकिन बुधवार को सावन की शिवरात्रि पर दिनभर गर्भगृह की देहरी से दर्शन करने लोग पहुंचते रहे। इन्हें मंदिर से जुड़े लोग ही ले जा रहे थे। पूछने पर जवाब मिलता- ऊपर प्रोटोकाल लेकर आए हैं।
मंदिर समिति के नियमों के मुताबिक गर्भगृह की देहरी से दर्शन कराने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रोटोकाल के तहत वीआईपी को नंदी हाल से दर्शन कराने का प्रावधान जरूर है। लेकिन बुधवार को सावन की शिवरात्रि पर दिनभर गर्भगृह की देहरी से दर्शन करने लोग पहुंचते रहे। इन्हें मंदिर से जुड़े लोग ही ले जा रहे थे। पूछने पर जवाब मिलता- ऊपर प्रोटोकाल लेकर आए हैं।
बीच में खड़े वीआईपी, आम दर्शनार्थियों को दूर से भी दर्शन नहीं
सावन शिवरात्रि के दिन बुधवार को काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। सुबह से ही मंदिर में भीड़ लगी रही। लंबी दूरी तय कर गणेश मण्डप बेरिकेड्स में पहुंचे कई आम दर्शनार्थियों को नंदी हॉल और गर्भगृह की देहरी पर खड़े वीआईपी की वजह से बाबा महाकाल की एक झलक भी नहीं मिली।