Wednesday, October 4, 2023
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सेफ्टी गाइडलाइन का शहर में जरा भी पालन नहीं

यातायात अव्यवस्था: उज्जैन में सड़क सुरक्षा के प्रति ‘जिम्मेदार’ नहीं ‘गंभीर’

अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। सेफ्टी गाइडलाइन का उज्जैन में जरा भी पालन नहीं हो रहा है। सड़क सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारों की यह गंभीर लापरवाही है, जिसका खामियाजा सड़क हादसों में शिकार लोग भुगत रहे हैं। दुर्घटनाएं रोकने को जिले का रोड सेफ्टी प्लान तक नहीं बन पाया है। शहरी सीमा में वाहन चलाने की अधिकतम गति कितनी हो, इसके संकेतक बोर्ड भी नहीं लगे हैं। सभी प्रमुख चौराहों पर बाएं मोड़ की बाधाएं और यातायात संकेतकों की कमी भी उदाहरण है।

सड़क हादसों और इनमें होने वाली जान-माल की हानि को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने एक गाइडलाइन जारी की थी। कमेटी ने हर जिले का रोड सेफ्टी प्लान बनाने, सड़क सुरक्षा समिति बनाने, समिति की बैठक हर माह करने, सड़क दुर्घटनाओं की सारी जानकारी आनलाइन पब्लिक पोर्टल पर उपलब्ध कराने, आपातकालीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे।

इसके पालन में बीते महिनों में जिला सड़क सुरक्षा समिति की जितनी भी बैठक हुई,उन बैठकों में कामन निर्देश रहें कि स्कूलों बसों का भौतिक सत्यापन कराया जाए। ब्लैक स्पाट हटाए जाएं। देवास गेट से चरक अस्पताल के बीच यात्री बसों का रूकना बंद कराया जाएं। एक निर्देशों का जारी होना स्पष्ट करता है कि पूर्व निर्देशों का कढ़ाई से पालन नहीं हुआ।

सचिव को पता नहीं प्लान का…

सड़क सुरक्षा को लेकर राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2015 और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन अनुरूप प्लान तैयार किया जाना था। कुछ समय पूर्व की बैठक में संबंंधित विभागों को रोड सेफ्टी प्लान प्रस्तुत करने को कहा गया था। समिति के पदेन सचिव पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री गणेश पटेल से प्लान की जानकारी ली गई। पटेल का कहना था कि प्लान के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। देखकर ही बता सकते है। प्लान बनाया है या नहीं।

समिति की बैठक कल

पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री गणेश पटेल ने बताया जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक प्रशासनिक संकुल भवन के तृतीय तल के सभाकक्ष में 18 अप्रैल को शाम 4 बजे कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में आयोजित की जायेगी। बैठक में नवीन ब्लेक स्पॉट के परिशोधन, जिले के विभिन्न मार्गों पर स्थित टोल टेक्स नाकों पर एम्बुलेंस एवं वीवीआईपी हेतु अतिरिक्त लेन के निर्माण, किसानों एवं अन्य ट्रेक्टर ट्रॉलियों में रिफ्लेक्टर लगाये जाने तथा शहरी क्षेत्रों में यातायात नियंत्रण एवं अन्य सम्बन्धित विषयों पर चर्चा की जायेगी। यह जानकारी द्वारा दी गई।

गाइडलाइन के मुख्य बिंदू

  • जिले में सड़क दुर्घटनाओं की समय-समय पर समीक्षा हो।
  • राज्य सड़क सुरक्षा नीति के कार्यान्वयन और इसके अंतर्गत निर्धारित लक्ष्?यों की निगरानी हों।
  • सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी के निर्देश लागू हो।
  • जिले में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के निर्णयों का कार्यान्वयन हों।
  • सड़क दुर्घटनाओं के विवरण पर राज्य सड़क सुरक्षा परिषद को नियमित रूप से ट्रैक और अपडेट हों।
  • जिला सड़क सुरक्षा योजना तैयार हों।
  • सभी सामूहिक मौतों के लिए एमवीए की धारा 135ए के तहत फोरेंसिक दुर्घटना जांच सुनिश्चित हों।
  • बड़े पैमाने पर घातक दुर्घटनाओं के लिए एक आपातकालीन चिकित्सा योजना तैयार हों।
  • अस्पतालों और एंबुलेंस के बीच संबंध सुनिश्चित करें। उपलब्धता का पता लगाने के लिए अस्पतालों के बीच संबंध सुनिश्चित हों
  • सड़क दुर्घटना पीडि़तों की सहायता के लिए नेक लोगों को बढ़ावा दिया जाए।
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