महाकाल मंदिर में बजा सायरन, पुलिस फोर्स को देख जब ठिठक गए दर्शनार्थी

मॉकड्रिल: आपात स्थिति से निपटने का अभ्यास, सुरक्षा की तैयारियों को परखा
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार को जैसे ही सायरन बजा और पुलिस फोर्स ने चप्पे-चप्पे पर मोर्चा संभाला तो कुछ श्रद्धालु सहम गए तो कुछ ठिठक गए। इस दौरान डॉग स्क्वॉड और बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने बैग चैक किए। हालांकि, बाद में श्रद्धालुओं को पता चला कि यह पुलिस की मॉकड्रिल है जो सुरक्षा के लिहाज से की जा रही है।
दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद भी युद्ध की स्थिति बनी थी। ऐसे में किसी भी हमले से निपटने, सुरक्षा की तैयारियों को परखने और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर में मॉकड्रिल की गई। इसमें सीएसपी कोतवाली राहुल देशमुख, सीएसपी जीवाजीगंज सुमित अग्रवाल एवं संबंधित थानों के टीआई और उनकी टीम, एसटीएफ और बीडीएस की टीमों ने संयुक्त अभ्यास किया। इस दौरान करीब १६० अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। एसपी प्रदीप शर्मा के निर्देश पर मॉकड्रिल हुई।
यह रही मॉकड्रिल की खूबी
1. मंदिर परिसर में संदिग्ध वस्तु मिलने की सूचना पर त्वरित कार्रवाई।
2. आतंकी हमले जैसी गंभीर स्थितियों का परिदृश्य।
3. भगदड़ जैसी स्थिति से निपटने की रणनीति।
इन स्थितियों में पुलिस बल, बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से सभी इकाइयों ने समन्वयपूर्वक काम करते हुए आपसी तालमेल और तत्परता का प्रदर्शन किया।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य
इस अभ्यास का उद्देश्य वास्तविक आपातकालीन परिस्थितियों में बलों की तैयारी, प्रतिक्रिया क्षमता एवं आपसी सहयोग को परखना था। ऐसे ड्रिल्स से ना केवल सुरक्षा एजेंसियों को व्यवहारिक अनुभव मिलता है बल्कि आमजन की सुरक्षा के लिए रणनीति को और प्रभावशाली बनाया जा सकता है। इसके अलावा समय-समय पर इस तरह के अभ्यास के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाता है।