Advertisement

पिता के घर पुत्र की सेवा : महाकाल मंदिर परिसर में गणेशजी के सात स्थान

चंद्रशेखर कहार| उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर मेें शहर के अतिप्राचीन गणेश प्रतिमाएं विराजित हैं। श्री गणेश उत्सव के दौरान यहां पर विधि विधान से शास्त्रोक्त रूप से श्री गणेश उत्सव मन रहा है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

सभा मंडप, कोटितीर्थ कुंड से लेकर मंदिर परिसर में करीब एक दर्जन से अधिक श्रीगणेश प्रतिमाए हैं। सभी प्रतिमाएं सैकड़ों वर्ष पुरानी हैं। गणेश उत्सव के दौरान यहां प्रतिदिन पूजन-आराधना व मंत्र जाप चल रहे हैं।

श्री महाकाल मंदिर परिसर में कोटितीर्थ कुंड के पास लक्ष्मीप्रदाता श्रीगणेश विराजित हैं। उज्जैन के षड् विनायक में इनका पहला स्थान है। पं. तिलक व्यास यहां सेवा पूजा करते हैं। प्रतिदिन आरती, पूजन, चोला श्रृंगार आदि आयोजन होते हैं। सभा मंडप में वीरभद्र के पास इच्छामन और मंशामन की गणेश विराजित हैं। चांदी द्वार पर द्वार गणेश हैं।

Advertisement

मंदिर परिसर में श्री सिद्धि विनायक हैं। मंदिर परिसर मेें ही पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ रिद्धि-सिद्धि श्रीगणेश और पास ही चिंतादूर करने वाले श्री चिंताहरण विराजित हैं।

यह ऐसी गणेश प्रतिमा है जिनकी सूंड बाईं ओर है। बाईं सूंड की प्रतिमाएं दुर्लभ होती हैं। जूना महाकाल के पास भी रिद्धि-सिद्धि के साथ गणपति विराजित हैं। पं. लोकेश व्यास यहां पूजन करते हैं। यह मंदिर पहले सती माता के साथ मुख्य द्वार पर थे। विकास कार्यों के कारण यह मंदिर सती माता के साथ ही जूना महाकाल स्थानांतरित किया गया।

Advertisement

सभी प्रतिमाएं सैकड़ों वर्ष पुरानी: सिद्धि विनायक मंदिर पुजारी चम्मू गुरु का कहना है कि मंदिर में विराजित गणेश प्रतिमाएं सैकड़ों वर्ष प्राचीन हैं। यहां गणेशोत्सव के दौरान 10 दिनों को विधि विधान से शास्त्रोक्त पूजन व मंत्र जाप होते हैं। प्रसाद वितरण होता है।

Related Articles