Monday, December 11, 2023
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शनिश्चरी अमावस्या… दोपहर तक 50 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, सिद्धवट पर तर्पण के लिए सुबह से लगा श्रद्धालुओं का तांता

त्रिवेणी पर फव्वारों से स्नान

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन वर्षों बाद आज शनिश्चरी अमावस्या एवं सर्वपितृ अमावस्या का योग होने से शनिवार को इंदौर रोड त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने घाट पर लगाए गए फव्वारों पर स्नान किया। दोपहर तक लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी पर स्नान किया। वहीं भैरवगढ़ स्थित सिद्धवट एवं अंकपात खाकचौक स्थित गयाकोटा पर पितृजनों की आत्मशांति के लिए श्राद्ध, तर्पण किया जा रहा है।

शनिश्चरी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन त्रिवेणी स्थित शनिदेव मंदिर पर दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर श्रद्धालुजन शिप्रा में डुबकी भी लगाते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा कुछ वर्षों से घाट पर फव्वारे लगाकर स्नान की व्यवस्था की जाती है। सुबह से ही शनि मंदिर के आसपास बाहर से आने वाले हजारों श्रद्धालु पहुंच चुके हैं और सुबह से फव्वारे से स्नान कर रहे हैं।

सड़क से मंदिर तक बैरिकेड्ंिग

त्रिवेणी क्षेत्र में व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा मुख्य सड़क से लेकर शनि मंदिर तक दो स्तर पर बैरिकेडिं्ग लगाई है ताकि एक तरफ से श्रद्धालुजन घाट पर स्नान करने के लिए जा सकें, जबकि दूसरी ओर से स्नान करने के बाद वापस आ सकें।

जूते-चप्पल व कपड़े छोड़ जाते हैं

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जो श्रद्धालु शनिश्चरी अमावस्या पर त्रिवेणी पर स्नान करने आते हैं वह अपने जूते-चप्पल के अलावा पहने हुए कपड़े घाट पर छोड़ जाते हैं। इस प्रकार की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। श्रद्धालुजन जो जूते-चप्पल घाट पर छोड़ जाते हैं उन्हें बाद में उन्हें प्रशासन द्वारा नीलाम कर दिया जाता है।

रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर भीड़

रात से ही रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढऩा शुरू हो गई। उल्लेखनीय है कि शनिश्चरी अमावस्या पर दूर-दूर से श्रद्धालुजन शनि मंदिर में दर्शन एवं शिप्रा में स्नान करने आते हैं। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टेशन से त्रिवेणी पर जाने के लिए ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा के अलावा अन्य वाहन उपलब्ध रहे।

सिद्धवट, गयाकोटा पर जमावड़ा

भैरवगढ़ स्थित सिद्धवट एवं खाकचौक स्थित गयाकोटा पर सुबह से ही श्राद्ध, तर्पण करने वाले लोगों का जमावड़ा लगा रहा। गयाकोटा का महत्व बिहार के गयाजी के समान माना गया है। सिद्धवट के बाहर सुबह से ही बड़ी संख्या में वाहनों के खड़े रहने के कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित रही। इसी प्रकार की स्थिति गयाकोटा पर देखी गई।

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त्रिवेणी स्थित मंदिर में भगवान शनि देव का आकर्षक श्रृंगार कर पूजा अर्चना की गई।

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दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़।

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