घटस्थापना के साथ शारदीय नवरात्रि प्रारंभ

हरसिद्धि मंदिर में नहीं होगी शयन आरती, मां गढक़ालिका का प्रतिदिन होगा नया शृंगार
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अगले 10 दिन होंगे धार्मिक आयोजन…
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सोमवार से मां शक्ति की भक्ति के पर्व शारदीय नवरात्रि की घटस्थापना के साथ शुरुआत हो गई। 52 शक्तिपीठों में से एक हरसिद्धि मंदिर में पहले ही दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। परंपरा अनुसार नवरात्र के दौरान मंदिर में शयन आरती नहीं होगी। मंदिर के गर्भगृह में दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद कर दिया गया। इसी तरह गढक़ालिका माता मंदिर, भूखी माता मंदिर, चामुंडा माता मंदिर में भी मां का आशीर्वाद लेने के लिए भक्त जुटे। यहां धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत भी हो गई।
गढक़ालिका में कल गन्ने से सजावट
मां गढक़ालिका मंदिर सोमवार से नवरात्रि महोत्सव प्रारंभ हो गया। भक्तों को नित्य नई शृंगार झांकियों के दर्शन होंगे। नवरात्रि के पहले दिन सोमवार को गुफा बनाई गई जिसमें मां गजलक्ष्मी के रूप में भक्तों को दर्शन दिए। पुजारी महंत करिश्मा नाथ ने बताया कि नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग शृंगार होंगे और झांकियां सजाई जाएंगी।
मंगलवार को गन्ने से सजावट की जाएगी। त्रिपुर सुंदरी ललिता स्वरूप में मां के दर्शन होंगे। तीसरे दिन 24 सितंबर को मंदिर में चूडिय़ों से सजावट कर मां के तारा देवी स्वरूप में भक्तों को दर्शन होंगे। 25 सितंबर को कुटिया में मां अन्नपूर्णा स्वरूप के दर्शन होंगे। पांचवें दिन 26 सितंबर को चॉकलेट से सजावट कर मां भद्रकाली के स्वरूप दर्शन देगी। छठे दिन 27 सितंबर को विभिन्न फूलों से सजावट कर महाकाली स्वरूप में दर्शन कराए जाएंगे। इसी प्रकार श्रद्धालुओं को हर दिन अलग-अलग रूप में दर्शन होंगे।
शुक्ल योग में हाथी पर सवार होकर आईं मां, खूब चलेगा व्यापार: सोमवार को शुक्ल योग में मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हुआ है। शुक्ल युग और हाथी पर सवारी से देश में सुख-समृद्धि और विकास की गंगा बहेगी। इसके अलावा बारिश भी होगी। ज्योतिषाचार्य पं. अजय कृष्ण शंकर ने बताया शुक्ल योग जीवन में प्रकाश, उन्नति, ज्ञान, धन और सौभाग्य लेकर आता है। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब माता दुर्गा हाथी (गज) पर सवार होकर आती हैं, तो इसे अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। धरती पर अन्न, जल और धन की प्रचुरता होती है। वर्षा अच्छी होती है, जिससे कृषि और उत्पादन बढ़ता है। परिवार और समाज में शांति और सामंजस्य रहता है। नौकरी और नए कार्यों में सफलता के योग बनते हैं। यह वर्ष सुख-समृद्धि व उन्नति देने वाला माना जाता है।
श्री महाकाल ने देवी स्वरुप में दर्शन दिए
नवरात्रि के पहले दिन सोमवार तडक़े भस्मार्ती में भगवान महाकाल को देवी स्वरूप में सजाया गया। सुबह 4 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया।