महाकाल लोक में मंजू बनकर घूम रही थी ‘रुखसार’, संदिग्ध दस्तावेज़ बरामद

दर्शन करने आई लेकिन यह न बता पाई किस देवता के दर्शन करना है
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अपना नाम मंजू परमार बताया, आधार कार्ड पर लिखा है ‘रुखसार’

बोली…उनावा दातार बाबा मेहसाणा की मुर्शिद हूूं, झोले से हिजाब व चादर भी मिली
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। महाकाल लोक के सुरक्षाकर्मियों ने बुधवार सुबह एक संदिग्ध महिला को पकड़ा है। जब उसे पकडऩे की कोशिश की गई तब वह भागने का प्रयास करने लगी। महाकाल की सुरक्षा एजेंसी ने उसे महाकाल थाना पुलिस के हवाले कर दिया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों लश्कर ए तैयबा ने बीकानेर हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन प्रभारी को पत्र लिखकर महाकालेश्वर मंदिर को उड़ाने की धमकी दी थी। उसी के बाद से यह चर्चा जोरों पर थी कि यहां कोई संदिग्ध व्यक्ति हमला कर सकता है। बुधवार को महाकाल लोक में तैनात सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों ने एक महिला की गतिविधियों को संदिग्ध पाया।
तत्काल महिला सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर घेराबंदी की। अपनी ओर सुरक्षाकर्मियों को आता देख महिला ने दौड़ लगा दी। बाद में उसे पकड़ लिया गया। जब तलाशी ली गई तो उसके झोले से उर्दू में लिखे गए कुछ दस्तावेज व 5 आधार कार्ड बरामद हुए हैं। आधार कार्ड में लोगों के नाम मुस्लिम हैं। इससे मामला संदिग्ध हो गया है। महाकाल थाना पुलिस महिला से पूछताछ कर रही है।
महाकाल लोक से पकड़ाई महिला अपना नाम मंजु परमार बता रही है। जब झोले से सामग्री बरामद हुई उसमें जो आधार कार्ड मिला है उससे यह प्रतीत होता है कि महिला का नाम रुखसार है। मंजू परमार के नाम का जो आधार कार्ड मिला है उस आधार कार्ड के फोटो से इस संदिग्ध महिला का मिलान नहीं होता। झोले से कुल 5 आधार कार्ड बरामद हुए हैं जिनमें मंजू परमार, रुखसार, शैफा शेख राजस्थान, फारूख व एक अन्य नाम दर्ज हैं।
उर्दू में छपी किताबें, स्टीकर और संदिग्ध वस्तुएं बरामद
जब सुरक्षाकर्मियों ने झोला खोलकर देखा तो उसमें से उर्दू में छपी किताबें, स्लोगन लिखे स्टीकर, हिजाब, चादर बरामद हुए। झोले में एक हैंड पर्स भी रखा था जिसमें 1100 रुपए, 5 आधार कार्ड व कुछ कागजात भी मिले। महिला ने आंखों में सूरमा लगा रखा था। एक हाथ में चूड़ी पहन रखी थी।
ऐसे स्वयं को हिंदू बता रही थी महिला
सुरक्षाकर्मियों ने जब महिला से नाम पता पूछा तो उसने बताया कि मेरा नाम मंजू परमार पालक शिवनारायण हडलाईकलां अकोदिया है। बचपन में माता पिता की मृत्यु हो गई। आश्रम में पालन पोषण हुआ। शिवनारायण उसके पालक हैं। कुछ दिनों पूर्व गुजरात के मेहसाणा गई थी। वहां उनावा दातार बाबा की दरगाह पर 7 दिन तक रुकी थी। वहीं से उर्दू किताबें, स्टीकर व अन्य सामग्री मिली थी।
महिला को महाकाल लोक लाने वाला कौन था
पूछताछ में संदिग्ध महिला ने बताया कि वह अकोदिया से ट्रेन में बैठी उज्जैन स्टेशन पर उतरी। रास्ते में एक व्यक्ति मिला। उसी व्यक्ति ने महाकाल लोक के गेट तक उसे पहुंचाया। प्रश्न यह है कि वह व्यक्ति कौन था। इस महिला से उस व्यक्ति का क्या संबंध है। पुलिस समय के आधार पर क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो हकीकत सामने आ सकती है।
महाकाल भगवान का नाम नहीं बता पाई
जब महिला से पूछा गया कि कौन से भगवान के दर्शन करने आई है। महिला का कहना था कि मैं शिवजी के दर्शन करने आई हूं। मंदिर में कौन से भगवान हैं तो वह महाकाल भगवान का नाम नहीं बता पाई। दूसरे हिंदू देवी देवताओं के नाम भी नहीं जानती सिर्फ शिवजी का नाम ले रही थी। फिलहाल महिला महाकाल पुलिस की हिरासत में है। अब यह जांच में पता चलेगा कि वह वाकई में कौन है। मंदबुद्धि है, किस मकसद से महाकाल लोक पहुंची थी। पुलिस ने महिला के पास से बरामद सामग्री को अपने कब्जे में ले लिया है।
इस तरह पकड़ में आई महिला
महाकाल लोक में सुरक्षाकर्मी टीना सोलंकी, विक्रम मालवीय ड्यूटी कर रहे थे। इसी बीच उन्होंने देखा कि एक महिला जिसने मुंह पर स्टॉल बांध रखा है। वह बड़े संदिग्ध तरीके से महाकाल लोक की मूर्तियों को देख रही है। महिला के हाथ में झोला भी था। शंका होने पर दोनों सुरक्षाकर्मियों ने महिला की तरफ दौड़ लगाई। टीना सोलंकी ने संदिग्ध महिला से कहा कि चेहरे से स्टॉल हटाओ, उसने चेहरा दिखाने से मना कर दिया। बस यहीं से शंका और बलवती हो गई। टीना सोलंकी ने अन्य महिला सुरक्षाकर्मियों को बुला लिया। करीब 5-6 महिला सुरक्षाकर्मियों को अपनी ओर आता देख संदिग्ध महिला ने भागने की कोशिश की। उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने उसके चेहरे से स्टॉल हटाया और बैग अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।
महाकाल लोक में इंदौर के युवक उड़ा रहे थे ड्रोन
उज्जैन। बुधवार सुबह इंदौर के 4 युवक महाकाल लोक में ड्रोन उड़ाते हुए पकड़े गए हैं। सुरक्षा एजेंसी के जवानों ने पूछताछ के बाद उन्हें महाकाल थाना पुलिस के हवाले कर दिया।प्रारंभिक पूछताछ में युवकों ने पुलिस को बताया कि वह इंदौर के रहने वाले हैं। एड्रॉयड एसोसिएट इंदौर के लिए मार्केटिंग का काम करते हैं। कंपनी द्वारा महाकाल लोक में पानी साफ करने की मशीन लगाई गई है। उसी मशीन का प्रमोशन करने के लिए ड्रोन से वीडियो बना रहे थे तभी सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया।
थाने में बैठे युवक यश पुरंदरे ने बताया कि उसके साथ देवेन्द्र, शुभम, नारायण भी कंपनी की तरफ से आए हैं। यश ने बताया कि कंपनी ने महाकाल लोक में ड्रोन उड़ाने के पहले स्मार्ट सिटी के अफसरों से परमिशन ली थी। जब उससे पुलिस ने परमिशन की कॉपी मांगी तो युवकों ने दिखाने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि हम अपने मोबाइल से अफसरों से बात करा सकते हैं। पुलिस का कहना है कि मंदिर के आसपास ड्रोन उड़ाने के पहले पुलिस की अनुमति अनिवार्य है लेकिन उक्त युवकों से थाने से कोई अनुमति प्राप्त नहीं की इस कारण उन्हें बैठाया गया है।









