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बुधवारी चतुर्थी पर शुभ संयोग में विराजेंगे श्रीगणेश

27 अगस्त से होगी 10 दिवसीय उत्सव की शुरुआत, व्यापार-खरीदी हर काम के लिए श्रेष्ठ

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मंगलमूर्ति इस बार 27 अगस्त को विराजेंगे। इस बार गणेश चतुर्थी बुधवार को आ रही है और तमाम शुभ संयोगों के साथ श्रीगणेश विराजित हो रहे हैं। ज्योतिषी मान से गणेश चतुर्थी व्यापार, खरीदी, जमीन-जायदाद हर शुभ कार्य के लिए श्रेष्ठ है। ऐसे तो बुधवारी गणेश चतुर्थी का योग लंबे समय बाद बनता है लेकिन इस बार 3 साल बाद फिर आई है। इसके पहले वर्ष २०२२ मेें भी बुधवारी चतुर्थी थी।खास बात यह है कि आगे बुधवारी गणेश चतुर्थी के लिए भक्तों को तीन साल का इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि वर्ष 2028 में ही बुधवार को गणेश चतुर्थी का संयोग बन पाएगा।

स्वयंसिद्ध अबूझ मुहुर्त भी गणेश चतुर्थी पर

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पं. विजय शर्मा बताते हैं 27 अगस्त बुधवार को चित्र नक्षत्र, शुभ व शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। बुधवार का दिन श्रीगणेशजी को समर्पित है। बुधवारी गणेश चतुर्थी पर दो विशेष पूजा की जाती है। एक तो बुधवार और दूसरा चतुर्थी होने से इसका महत्व भी दोगुना बढ़ जाता है। इस दिन गणपति की पूजन का विशेष महत्व होगा। बुधवार को गणेशजी की पूजा खास मानी गई है। इस दिन स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त भी है। इसके चलते नए गृह प्रवेश, गृह आरंभ, व्यापार प्रारंभ और नए वाहनों की खरीद भी श्रेष्ठ समय में हो सकेगी।

खरीदारी के लिए श्रेष्ठ दिन व शुभ योग लाल किताब जानकारी पं. बीपी शुक्ला ने बताया कि 3 साल बाद बुधवारी गणेश चतुर्थी शुभ व शुक्ल संयोग के साथ आ रही है। इस दिन शुभ व श्रेष्ठ समय में भूमि-भवन-वाहनों की खरीदारी होगी। साथ ही चांदी-सोने व रत्न-आभूषण की खरीदारी करना भी श्रेष्ठ रहेगा।

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50 साल में 8 बार बने बुधवारी गणेश चतुर्थी के संयोग
1978: गणेश चतुर्थी 6 सितंबर, बुधवार
1981: गणेश चतुर्थी 2 सितंबर, बुधवार
1985: गणेश चतुर्थी 18 सितंबर, बुधवार
1998: गणेश चतुर्थी 26 अगस्त, बुधवार
2012: गणेश चतुर्थी 19 सिंतबर, बुधवार
2022: गणेश चतुर्थी 19 सितंबर, बुधवार
2025: गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, बुधवार
2028: गणेश चतुर्थी 23 अगस्त, बुधवार

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