आप चाहते हैं कि आपके बच्चें सोसाइटी में सभी से अच्छे से, बिना झिझक बात करें। अगर वो ऐसा नहीं कर रहें हो तो हो सकता है वो बहुत शाय हो या इंट्रोवर्ट हो। ऐसे बच्चों को फ्रेंड्स बनाने और सब के साथ मिलकर काम करने में काफी दिक्कतें होती हैं। पेरेंट्स को इस मामले में उनकी हेल्प करना चाहिए। हम आपको ऐसे टिप्स बताएंगे जो आपके बच्चे के सेल्फ कॉन्फिडेंस को इम्प्रूव कर सकते हैं।
अच्छा अट्मोस्फियर बनाएँ: घर में अच्छा माहौल से बच्चों को हुस्ने और बोलने का कॉन्फिडेंस देगा । ओपन कम्युनिकेशन को मोटीवेट करें। इमोशंस दिखाने का मौका दें।
उनके कम्फर्ट जोन क रेस्पेक्ट करें: अपने बच्चे के कम्फर्ट जोन को समझें । उन्हें अपने कंफर्ट जोन से बहुत जल्दी बाहर धकेलना सही नहीं है। धीरे-धीरे नए एक्सपीरियंस को उस उस स्पीड से आने दें जो उनके लिए अच्छी हो।
रोल-प्ले: रोल-प्लेइंग से सोशल बिहेवियर की प्रैक्टिस करें। ऐसे काम बताएं जहां आपका बच्चा अपना परिचय देने, बातचीत शुरू करने या सवालों के जवाब देने का अभ्यास कर सके।
सोशल एक्टिविटी बढ़ाए: अपने बच्चे को उनके इंटरेस्ट के हिसाब से सोशल एक्टिविटी में भाग लेने दे । ये एक्टिविटीज सेम हॉबीस या कॉमन पैशन वाले लोगों के साथ कनेक्ट होने में मदद करेंगी।
उन्हें मोटीवेट करें: सोशल एक्टिविटीज में अपने बच्चे की कोशिशों की तारीफ़ करें। उनकी प्रोग्रेस को देखें। यह उन्हें अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए मोटीवेट करता है।
सोशल स्किल्स सिखाएं: अपने बच्चे को बुनियादी सोशल स्किल्स सिखाएं, जैसे आई कॉन्टेक्ट करना, दूसरों को ग्रीट करना, ध्यान से सुनना और अच्छी बॉडी लैंग्वेज बनाना।
सोसाइटी में धीरे-धीरे एक्सपोजर: धीरे-धीरे अपने बच्चे को सोशल एन्वॉयरन्मेंट में मिलने दें। आसान अट्मॉस्फियर बनाए। एक या दो दोस्तों के साथ खेलना, और धीरे-धीरे बड़े ग्रुप्स के साथ जुड़ना सिखाएं।
एक रोल मॉडल बनें: आपका बच्चा दूसरों के साथ आपकी बातचीत को देखकर सीखता है। बातचीत में शामिल हों और दूसरों के साथ रेस्पेक्ट और मुस्कुरा कर बात करें।
अगर आपके बच्चे बिलकुल बात नहीं करते या घर से बहार निकलने से भी डरते हो, तो एक्सपर्ट की सलाह लें। मनोचिकित्सक और थेरेपिस्ट उनकी प्रॉब्लम समझकर उनकी मदद कर सकते हैं।