चीन के कारण चांदी की हो रही ‘चांदी’

स्टॉक बढऩे और डिमांड बढऩे से कीमत में उछाल
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उज्जैन। चांदी के दाम 2 लाख रुपए किलो होने से उज्जैन के सराफा व्यापारी भी चकित हैं। भाव में आई तेजी से लोग अभी चांदी के गहने खरीदने में भी रुक गए हैं। बाजार में अनिश्चितता का माहौल ज्यादा है। आने वाले समय में चांदी के दाम और बढऩे की संभावना जताई जा रही, क्योंकि चीन इस पर नियंत्रण की कोशिश कर रहा।

आने वाले फरवरी में शादियों की तैयारी कर रहे लोगों के लिए चांदी के दामों ने मुसीबतें खड़ी कर दी हैं। कम आय वर्ग के लोग सोने से ज्यादा चांदी के आभूषण शगुन के लिए खरीद रहे, लेकिन एकदम से दाम दो लाख रुपए पहुंच जाने के कारण 20 ग्राम की पायल भी 20 हजार रुपए की हो गई, जबकि पिछले साल यह तीन से चार हजार रुपए में ही मिल रही थी। सराफा व्यापारियों की मानें तो चांदी के दामों में आई तेजी के लिए चीन बड़ा फैक्टर है, जिसने चांदी के निर्यात पर न केवल हाथ खींच लिए हैं बल्कि नए साल से वह चांदी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी भी कर रहा।
अगर चीन ने यह कदम उठाया तो दाम और अधिक बढ़ सकते हैं। दरअसल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चांदी की डिमांड तेजी से बढ़ रही और चीन का निर्यात सबसे ज्यादा चीन द्वारा किया जाता है। चीन बढ़ती मांग को देखते चांदी के मार्केट पर अपना कब्जा करने की कोशिश कर रहा। सोलर प्लेट के लिए भी चांदी का उपयोग ज्यादा किया जा रहा। सोने के दाम बढऩे से मध्यमवर्गीय लोग चांदी के आभूषण खरीद रहे और बड़े व्यापारी चांदी का स्टॉक कर रहे ताकि चीन द्वारा प्रतिबंध लगाने से होने वाला मुनाफा कमा सकें। सराफा व्यापारी समर्थन सोनी ने बताया चांदी की कीमतें बढऩे के पीछे चीन का हाथ ज्यादा है। बाजार में अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। कई लोग चांदी के आभूषण भी खरीदने से रुक गए हैं।
इस तरह आया उछाल
2025, दिसंबर में रिकॉर्ड ऊंचाई
2024 , जनवरी में 81,000
2014 में 43,000 लगभग
2011 में चांदी में 78,600 रुपए किलो का रिकॉर्ड बनाया।
2010 में लगभग 32,800
2008 में 18,355 रुपए किलो पहुंची।
2005 में चांदी 12 हजार रुपए किलो पहुंची।
1981में चांदी सिर्फ 2715 रुपए किलो थी।
चीन से निर्यात में कमी
यह सही है कि चीन से चांदी का निर्यात कम हो रहा है। चांदी का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बढ़ गया है, जिससे डिमांड तेजी से बढ़ी है। उज्जैन के व्यापारी भी इससे चकित और सकते में हैं। कारोबार पर असर पड़ रहा।
-महेश पायलवाला
अध्यक्ष लखेरवाड़ी सराफा व्यापारी एसोसिएशन









