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संकट: दीपावली पर्व से पहले चांदी की कीमतें आसमान पर, ग्राहक नदारद

चांदी

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11 अक्टूबर 2024 -89000 रुपए

11 अक्टूबर 2025- 165000 रुपए

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उछाल: 76000

सोना

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11 अक्टूबर 2024 :74850

11 अक्टूबर 2025 1,26,000

उछाल : 52000

अक्षरविश्व न्यूजLउज्जैन। शेयर बाजार में तगड़े झटके के बाद चांदी बाजार में सटोरियों के सक्रिय होने से इस कीमती धातु की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। एकाएक बढ़ी कीमतों से बाजार से ग्राहक गायब हो गए हैं। पुष्य नक्षत्र एवं दीपावली पर्व से पहले ग्राहकों की बेरुखी से सराफा कारोबारी परेशान हैं।

छह महीने पहले तक चांदी की कीमत एक लाख से नीचे चल रही थी, तब शेयर बाजार कुलांचे भर रहा था, निवेशकों को शेयर बाजार ने झटका दिया तो वह चांदी बाजार में कूद गए और अब सराफा बाजार परेशानी में आ गया निवेशकों ने इतनी चांदी खरीद ली गई है कि बाजार से यह लगभग गायब हो गई है। त्योहारी सीजन में उज्जैन का चांदी बाजार शुद्ध चांदी की किल्लत से जूझ रहा है। उज्जैन में सामान्य दिनों में रोजाना करीब २०० किलो चांदी की बिक्री होती है, सीजन में यह 400 किलो तक पहुंच जाती है।

चांदी की कीमतों में आई तेजी का असर पुष्य नक्षत्र और दीपावली पर दिखाई दे सकता है और चांदी के सिक्कों, मूर्तियों और बर्तनों की कमी बाजार में दिख सकती है। हर साल धधकने वाली सराफा बाजार की भट्टियां ठंडी पड़ रही हैं। कारीगरों के औजार थमे हुए हैं। चांदी के उज्जैन के बड़े कारोबारी जरीवाला ज्वेलर्स के आलोक जरीवाला ने बताया बाजार में चांदी की आपूर्ति मांग के मुकाबले काफी कम है। इसके चलते धनतेरस, दीपावली को लेकर चांदी के सिक्के, मूर्तियां और पूजन सामग्री बनाने का काम पर इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। इनके निर्माण में 50 फीसदी तक की गिरावट आई है। यही स्थिति चांदी से जुड़े आभूषण की भी है। इस बार करवाचौथ पर पिछले साल की तुलना में केवल १० फीसदी ग्राहकी हुई।

दस दिनों में 21 हजार रु. का उछाल

चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि का दौर जारी है। बीते 10 दिनों में ही इसकी कीमतों में 21,000 रुपए का रिकॉर्ड उछाल आ चुका है। यह किसी भी कारोबारी सत्रों में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी है। पिछले तीन लगातार कारोबारी सत्रों में चांदी की कीमतें 17,500 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ी हैं। कीमतों में तेजी का दौर आगे भी संभव है। शनिवार को चांदी के दाम हाजर में १.६५ लाख रुपए प्रतिकिलो थे। यह अब तक सबसे ऊंचे दाम है।

चांदी की कीमत बढऩे का बड़ा कारण

शेयर बाजार में लगातार आ रही मंदी।

प्रॉपर्टी बाजार का ठंडा पडऩा।

दिवाली में सिक्कों, बर्तन की रहती है मांग:दिवाली पर चांदी के सिक्कों, बर्तन की मांग बढ़ जाती है। पिछले सालों में ज्योतिष रुझान के कारण लोग चांदी की मछली, कछुआ भी खरीदने लगे हैं। इन सबके निर्माण में चांदी लगती है।

कीमतें ज्यादा होने से लोग सोना-चांदी के आभूषण, बर्तन, सिक्के खरीदने से बच रहे हैं। हाल यह है कि बाजार में ग्राहकी नहीं के बराबर है। कीमतें बढऩे का बड़ा कारण सट्टा है। शेयर बाजार में नुकसान के बाद सटोरिये सोना-चांदी बाजार में उतर गए हैं। – आलोक जरीवाला, जरीवाला ज्वेलर्स

दुनियाभर में कम आपूर्ति

1 भारत में हर साल लगभग 700 टन चांदी का उत्पादन होता है, जबकि खपत ७ हजार टन से
अधिक है।

2 दुनियाभर में चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ी पर आपूर्ति स्थिर है।

3 इंडोनेशिया और चिली जैसी जगहों पर चांदी की खदानें बंद होने से आपूर्ति का दबाव और बढ़
गया है।

4 सरकार ने आसियान देशों से चांदी के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है।

5 केंद्रीय बैंकों और निवेशकों ने सोने-चांदी जैसे सुरक्षित विकल्प में भारी निवेश बढ़ाया।

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