सिंहस्थ 2028: लेटलतीफी के कारण अब 320 करोड़ रुपए का फटका!

कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना: सिंहस्थ क्षेत्र के कारण लंबाई बढऩे से लागत में इजाफा
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अक्षरविश्व न्यूज:बड़े प्रोजेक्ट पर लेटलतीफी कितनी महंगी पड़ती है, इसका बड़ा उदाहरण सामने आया है। सिंहस्थ 2028 से पहले शिप्रा नदी को खान नदी के प्रदूषित पानी से बचाने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना बनाई गई इसका काम भी तेजी से शुरू हो गया है, लेकिन निर्माण कार्य के कारण मेला क्षेत्र प्रभावित न हो, इस कारण नई योजना तैयार की गई, जिसमें डक्ट की लंबाई बढ़ानी पड़ी। इससे प्रोजेक्ट का खर्चा 321 करोड़ रुपए बढ़ गया।

शिप्रा नदी को सबसे ज्यादा इंदौर से बहने वाली खान (कान्ह) नदी प्रदूषित करती है। इससे बचाने के लिए जल संसाधन विभाग ने इस बार कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना को धरातल पर उतारना शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश सरकार ने इसके लिए पहले 598.66 करोड़ रुपए की योजना मंजूर की थी, लेकिन जब इसका ठेका दिया गया और काम शुरू किया गया तो बड़ी समस्या यह सामने आई कि 16.17 किमी की लाइन बिछाने में वक्त लगेगा और इसके काम से सिंहस्थ मेला की तैयारियां प्रभावित हो सकती हैं।
इस कारण लाइन को डायवर्ट किया गया। इससे लंबाई बढ़कर 30.15 किमी हो गई। लाइन को गंभीर डेम की डाउन स्ट्रीम में छोड़ा जाएगा। इस कारण भी लंबाई को बढ़ाया गया है। इस कारण प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर 919.53 करोड़ रुपए हो गई है। सरकार ने नई योजना के तहत बढ़ी राशि को भी मंजूर कर दिया है ताकि शिप्रा को प्रदूषण मुक्त करने में कोई बाधा न आए।
इसलिए बढ़ गई क्लोज डक्ट प्रोजेक्ट की लंबाई : कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के तहत पहले 16 किमी की लाइन बिछाने की योजना थी। इससे प्रोजेक्ट की लागत भी 598. 66 करोड़ की आई थी। सूत्रों के अनुसार लाइन सिंहस्थ मेला क्षेत्र से होकर गुजर रही थी। इससे लाइन बिछाने के काम के कारण मेला क्षेत्र के अन्य काम प्रभावित हो सकते थे।
यह मामला
उच्च स्तर पर पहुंचा तब तय किया गया कि लाइन को डायवर्ट कर दिया जाए। इस कारण जमालपुरा और गंगेड़ी जैसे गांवों से होकर नई योजना तैयार की गई। इस कारण लाइन की लंबाई 30.15 किमी हो गई। साथ ही इसमें 12 किमी की टनल भी जोड़ी गई। इससे खर्चा 320 करोड़ रुपए बढ़कर 919 करोड़ पार हो गया।
योजना बनने में लेटलतीफी
सिंहस्थ की तैयारी के तहत कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना बनने और उसकी मंजूरी में समय लग गया। अगर योजना पहले ही मंजूर हो जाती तो 320 करोड़ रुपए का भार सरकार पर नहीं पड़ता। काम जल्दी शुरू होता और सिंहस्थ मेला क्षेत्र में लाइन समय पर डाल दी जाती। बहरहाल, इससे सबक लेकर प्रशासनिक अफसरों को सिंहस्थ की योजनाएं जल्द तैयार कर काम शुरू कर देना चाहिए।
योजना का काम शुरू, बारिश से आ रही बाधा
सिंहस्थ से पहले शिप्रा नदी का पानी शुद्ध करने के लिए जल संसाधन विभाग ने योजना को धरातल पर उतारने का काम शुरू कर दिया है। योजना के तहत 100 मीटर लम्बाई में एप्रोच चैनल, 28.650 किमी लम्बाई में 4.50 मीटर के डी-आकार में भूमिगत बॉक्स और अंतिम 100 मीटर लम्बाई में ओपन चैनल बनाई जाएगी। साढ़े तीन साल में योजना पूरी होने की संभावना है। इस हिसाब से 2028 तक यह योजना पूरी हो सकेगी।
एप्रोच रोड की चौड़ाई डक्ट के समान ही 4.5 मीटर रहेगी, जिसके माध्यम से डक्ट के अंदर सफाई कार्य करने के लिये हैवी मशीनरी भी प्रवेश कर सकेगी। देवराखेड़ी, देवराखेड़ी बुजुर्ग, पातालखेड़ी और चिंतामन जवासिया में चार कुओं का निर्माण होगा। पहला कुआ देवराखेड़ी में बनने का रास्ता साफ हो गया है।
योजना के तहत गंगेड़ी से देवराखेड़ी तक 8 किमी लंबी अंडरग्राउंड टनल बनाई जाएगी। टनल बनाने का काम इन 50 फीट गहरे कुओं से ही हो सकेगा। इनके माध्यम से ही मेंटेनेंस के काम भी किए जा सकेंगे।पातालखेड़ी और चिंतामन जवासिया में इन कुओं के निर्माण के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया चल रही है।
डक्ट की लंबाई बढ़ गई
कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का काम शुरू कर दिया गया है। इसमें अभी वक्त लगेगा। यह सही है कि प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर 919.53 करोड़ हो गई है। डक्ट की लंबाई बढ़ाने के कारण यह बदलाव आया। लाइन को गंभीर डेम की डाउन स्ट्रीम में छोड़ा जाएगा। -मयंकसिंह, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन








