सिंहस्थ कुंभ नगरी: किसानों ने अभिभाषकों के माध्यम से दिए सुझाव-आपत्ति, कमेटी करेगी फैसला

450 से ज्यादा आपत्ति और सुझाव मिले, 18 जून तक होगी सुनवाई

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ कुंभ नगरी बनाने के लिए ७ गांवों की करीब २३०० हेक्टेयर जमीन लैंड पुलिंग के जरिये हासिल करने के लिए सुनवाई का दौर जारी है। अब तक ८५० किसानों में से 450 आपत्ति और सुझाव दर्ज करा चुके हैं। इनमें से कई किसानों ने अभिभाषकों के माध्यम से लिखित में अपना पक्ष रखा है। दावे-आपत्ति पर सुनवाई का दौर 18 जून तक चलेगा। इसके बाद समिति संशोधित ले-आउट पेश करेगी।

उज्जैन विकास प्राधिकरण सिंहस्थ क्षेत्र की 2378 हेक्टेयर भूमि को दो तरह से विकसित करने जा रहा है। पहला लैंड पुलिंग और दूसरा जमीन अधिग्रहण। इसके लिए टीडीएस 8, 9 , 10 व 11 के नाम से विकास योजना जारी की गई है। इसी के तहत किसानों से धारा 50 (3) के तहत दावे-आपत्ति मांगे गए थे। 25 मई से शुरू हुई सुनवाई में अब 450 से अधिक किसान आपत्ति व सुझाव पेश कर चुके हैं। किसानों ने अभिभाषकों के माध्यम से लिखित में भी पक्ष रखा है। 18 जून तक चलने वाली सुनवाई में ं नगर निगम, प्राधिकरण, नगर तथा ग्राम निवेश, राजस्व विभाग, सहित सात विभागों के अधिकारी पक्ष जान रहे हैं। यह किसानों के सुझाव व आपत्तियों को कलमबद्ध कर रहे हैं। सुनवाई पूरी होने के बाद वहयोजना में सुधार या संशोधन करेंगे।

शिकायत व सुझाव पर नक्शे में परिवर्तन भी
कि सानों द्वारा सुनवाई के दौरान दिए जा रहे सुझाव व आपत्तियों के आधार पर योजनाओं के नक्शे में सुधार भी किया जा रहा है। दरअसल प्राधिकरण द्वारा ड्रोन के माध्मय से ले-आउट तैयार किया है। इसमें जमीन स्तर पर कई चीजे छूट गई है। ऐसे में किसान बता रहे हैं कि जो सडक़ निकाली है, वहां कुआं है। इस पर अधिकारी तुरंत उसमें बदलाव भी कर रहे हैं।

ऐसे पूरी होगी प्रक्रिया

किसानों से दावे-आपत्ति की सुनवाई के बाद समिति द्वारा निराकरण किया जाएगा।

समिति योजना को लेकर सुझाव की अनुशंसा करेगी।

योजना में हुए बदलाव को यूडीए बोर्ड बैठक में रखकर अनुमति ली जाएगी।

योजना में बदलाव के अनुसार ले-आउट में परिर्वतन कर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग भोपाल को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

भोपाल से स्वीकृति मिलने के बाद योजना को यूडीए बोर्ड बैठक में रखकर अंतिम स्वीकृति ली जाएगी।

अंत में धारा 50(11) के तहत योजना का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा।

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