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शिप्रा के घाटों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर रहेेगा विशेष फोकस

सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव ने दिए अहम निर्देश

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने शुक्रवार को प्रशासनिक संकुल भवन में सिंहस्थ 2028 के लिए चल रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। इस बैठक का उद्देश्य सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित करना था कि आगामी सिंहस्थ कुंभ के लिए सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हों। बैठक में रेलवे, यूडीए, लोक निर्माण विभाग और नगर निगम जैसे विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई। दुबे ने जहां रेलवे ट्रैक का निर्माण होना है, वहां रेलवे अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर डिजाइन को जल्द से जल्द स्वीकृत कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही जिन निर्माण कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण अभी बाकी है, उसे तय समय सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया गया।

सडक़ों के चौड़ीकरण की योजना को मंजूरी
बैठक में रामवासा से नरवर, धरमबड़ला से नईखेड़ी, आगर रोड से पंवासा और पंचक्रोशी मार्ग के चौड़ीकरण पर भी चर्चा हुई। क्षिप्रा नदी के पूर्वी भाग पर सडक़ निर्माण और चौड़ीकरण की योजना को भी मंजूरी दी गई, जिससे इंदौर और देवास रोड से आने वाले श्रद्धालुओं को सीधे घाट तक पहुंचने में आसानी होगी। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे, संभागायुक्त आशीष सिंह और कलेक्टर रौशन कुमार सिंह सहित संबंधित विभागों के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने-अपने विभागों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।

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इन मुद्दों पर बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय

 नए घाटों का नामकरण: सिंहस्थ के तहत बनाए जा रहे नए स्नान घाटों का नामकरण किया जाए। साथ ही, घाटों के समानांतर साइकिल ट्रैक का भी निर्माण किया जाए।

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पर्यावरण संरक्षण: घाटों के किनारे सामाजिक संगठनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर छायादार वृक्षारोपण करवाया जाए। नए घाटों पर रेड सेंड स्टोन लगाने की योजना पर भी चर्चा की गई।

सुगम यातायात: पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए कि वे भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन की एक विस्तृत योजना बनाएं। इसमें मेला क्षेत्र के साथ-साथ अन्य शहरों से आने वाले पुलिस बल के ठहरने की व्यवस्था भी शामिल हो।

महाकाल दर्शन: श्री महाकालेश्वर मंदिर में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन और भीड़ प्रबंधन के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

अस्थायी चेंजिंग रूम: स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए, विशेषकर महिलाओं के लिए, अस्थायी चेंजिंग रूम बनवाए जाएं। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय लोगों की भी सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।

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