उज्जैन। जहां एक ओर देश में युवा वर्ग वैलेंटाइन डे को बढ़ावा देकर 14 फरवरी को मनाने के लिए उत्साहित रहता है, वहीं उज्जैन की धार्मिक नगरी में इस दिन का एक अलग ही महत्व है।
यहां भाई-बहन प्रेम मंदिर में श्रद्धालु दर्शन और पूजन के लिए प्रतीक्षारत रहते हैं। शहर से लगभग 7 किमी दूर शांति पैलेस चौराहे के समीप बायपास रोड पर जीवनखेड़ी में स्थित यह मंदिर देश का पहला भाई-बहन प्रेम मंदिर है। यहां शुभ और भाई-बहन संतोषी माता अपने भाइयों को राखी बांधते हुए दिखाई देते हैं।
मंदिर के निर्माण के पीछे समाजसेवी डॉ. के. सी. नागवंशी का उद्देश्य उद्देश्य सनातन संस्कृति को बढ़ावा देना था। उनका मानना है कि पश्चिमी संस्कृति मानव को विनाश की ओर ले जा रही है, जबकि सनातन धर्म की परंपराएं समाज को सशक्त कर रही हैं। यह मंदिर भाई-बहन के प्रेम और सद्भाव का प्रतीक है, जहां आने से उनके रिश्तों में मजबूती बनी रहती है।