“SPF” का मतलब “सन प्रोटेक्शन फैक्टर” है। SPF सूर्य की UV रेज़ से सुरक्षा देने में सनस्क्रीन या सनब्लॉक की कुशलता बताता है। यह दिखाता है कि कोई भी सनस्क्रीन कितनी देर तक त्वचा को सनबर्न से बचा सकती है। SPF वैल्यू को आमतौर पर नंबर में मेज़र किया जाता है जैसे SPF 15, SPF 30, SPF 50, आदि। SPF संख्या जितनी अधिक होगी, प्रोडक्ट की सनबर्न सुरक्षा उतनी ही अधिक होगी।
SPF कैसे काम करता है?
UVB प्रोटेक्शन: SPF UVB किरणों को रोकने के लिए प्रोडक्ट की क्षमता को मापता है। UVB त्वचा को नुकसान और उम्र बढ़ने के लिए जिम्मेदार है।
सनबर्न प्रोटेक्शन: SPF किसी भी सनस्क्रीन के यूवीबी किरणों से बचने की क्षमता को मापता है । यदि आपकी त्वचा को सनबर्न होने में 10 मिनट लगते हैं, तो SPF 30 सनस्क्रीन लगाने से 300 मिनट धुप में रह सकते हैं। (10 मिनट को SPF 30 से गुणा किया जाता है)।
यह ध्यान रखना जरुरी है कि कोई भी सनस्क्रीन धूप से 100% सुरक्षा नहीं देते है।
SPF के अनुसार सनस्क्रीन कैसे चुने?
स्किन टाइप: हर स्किन की सूरज के प्रति सहनशीलता अलग होती है । यदि आपकी गोरी या सेंसिटिव स्किन है जो आसानी से जल जाती है, तो आप बेहतर सुरक्षा के लिए एक एडवांस SPF सनस्क्रीन चुन सकते हैं। हालांकि, गहरे रंग वालों को भी SPF युक्त सनस्क्रीन लगाना चाहिए।
सूरज की तीव्रता: यदि आप ज्यादा समय तक धूप में रहने वाले हैं, जैसे कि पीक आवर्स के दौरान (सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच) तो हाई SPF सनस्क्रीन लगाए।
प्रोटेक्शन का लेवल: अपने लिए प्रोटेक्शन का लेवल चुने। हाई SPF नंबर ज्यादा प्रोटेक्शन देते हैं। जैसे SPF 30 लगभग 97% UVB किरणों को फ़िल्टर करता है, जबकि SPF 50 लगभग 98% को फ़िल्टर करता है।
ब्रॉड-स्पेक्ट्रम प्रोटेक्शन: एक सनस्क्रीन की तलाश करें जो ब्रॉड-स्पेक्ट्रम प्रोटेक्शन दे, जिसका अर्थ है कि यह UVB और UVA दोनों से बचाए।
पर्सनल चॉइस: सनस्क्रीन की बनावट, लगाने के तरीके (जैसे, लोशन, स्प्रे, जेल), और भी सुविधाओं जैसे कि वाटर प्रोटेक्शन या सेंसिटिव स्किन के लिए पर्सनल चॉइस वाली सनस्क्रीन ले सकते हैं।