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सिंहस्थ की तैयारी में जुटी प्रदेश सरकार : 23 एप्रोच रोड, शिप्रा किनारे 30 KM लम्बे घाट बनेंगे

ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़े, घाट के निकट पार्किंग

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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। प्रदेश सरकार सिंहस्थ 2028 की तैयारी में जुट गई है। भोपाल में मंगलवार को सिंहस्थ-2028 के लिए गठित मंत्री-मंडलीय समिति की बैठक में सीएम डॉ.मोहन यादव ने कहा कि बुजुर्ग यात्रियों को ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़े,इसलिए शिप्रा नदी पर घाट के सबसे निकट पार्किग रखें जाएंगे। सिंहस्थ के लिए 21 विभाग मिलकर 450 काम सिंहस्थ मद में पूरे करेंगे।

 

शिप्रा नदी के तट पर 30 किमी लंबे घाट तक पहुंच मार्ग भी बनाए जाने की योजना है। महाकाल मंदिर और मेला स्थल पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 23 पहुंच मार्ग बनाए जाएंगे। शिप्रा के समानांतर ईको मोबेलिटी कॉरिडोर और 48.05 किमी लंबी इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड फोर लेन परियोजना का काम हाईब्रिड एन्युटी मॉडल पर किया जाएगा, जिसमें 950 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सिंहस्थ-2028 के लिए गठित मंत्री-मंडलीय समिति की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ से जुड़े सभी काम तय समय-सीमा में पूरे करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए कि उज्जैन में केडी गेट से वीर दुर्गादास की छतरी से गोंसा मार्ग की लंबाई पर फोर लेन निर्माण जल्दी पूरा करें।

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सिंहस्थ प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन

मंत्री-मंडलीय समिति की बैठक में सीएम डॉ.यादव ने कहा कि सिंहस्थ सिर्फ उज्जैन का नहीं है। यह उज्जैन और इंदौर दोनों संभागों के साथ सम्पूर्ण प्रदेश का प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन है। श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आगमन से अर्थ व्यवस्था को भी लाभ मिलता है। प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन, इंदौर के साथ ही ओंकारेश्वर और महेश्वर जैसे स्थानों पर भी पहुंचते हैं। यहां आने वाले यात्री इस संपूर्ण अंचल का भ्रमण करते हैं। इसके अनुसार ही आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जाए। बुजुर्ग यात्रियों की सुविधा के लिए पार्किंग के स्थान, घाट के जितने नजदीक होंगे उन्हें उतना ही कम से कम पैदल चलना पड़ेगा।

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विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं और अन्य संस्थाओं के परिसर के मैदान भी पार्किंग में उपयोग में लिए जाए। इसके लिए अभी से अध्ययन और सर्वेक्षण कर जरूरी कार्रवाई की करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंहस्थ अधोसंरचना : 2028 कार्य योजना, पड़ाव क्षेत्र में टीपीएस के माध्यम से विकास, पार्किंग परिवहन प्रस्ताव और उज्जैन इंदौर मेट्रो परियोजना पर विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही की अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व के स्वीकृत विभागीय कार्यों को भी समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने घाटों के जीर्णोद्धार और अन्य घाटों के सौंदर्यीकरण के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई ने प्रजेंटेशन दिया।

यह कार्य प्रस्तावित है

विभागीय मद में 181 कार्य निर्धारित किए गए हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा 29. 21 किलोमीटर घाट निर्माण, 30.15 कि.मी. कान्ह नदी डायवर्शन , शिप्रा नदी पर 14 और कान्ह नदी पर 11 बैराज का निर्माण होगा।

 ऊर्जा विभाग अतिरिक्त उच्च दबाव से संबद्ध कार्य का नवीन ईएचवी उपकेंद्र और अतिरिक्त उच्च दबाव केंद्र भी बनाया जा रहा है।

नगरीय प्रशासन और विकास विभाग उज्जैन शहर की जल आवर्धन योजना पर 357 करोड़ रुपए की राशि व्यय करेगा।

सीवरेज परियोजना, देवास रोड पर बस स्टेंड निर्माण और शहर की सड़कों को चौड़ा बनाने के कार्य भी हाथ में लिए जा रहे हैं।

सिंहस्थ के उद्देश्य से महाकाल मंदिर और मेला स्थल पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 23 पहुंच मार्गों एवं अधोसंरचना का निर्माण किया जाएगा।

शिप्रा नदी के समानान्तर ई-को मोबेलिटी कॉरिडोर का विकास 150 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा।
इंदौर- उज्जैन ग्रीनफील्ड फोर लेन परियोजना( लम्बाई 48. 05 किमी ) का कार्य हाईब्रिड एन्युटी मॉडल पर निर्माण 950 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा।

आयुष विभाग एक 50 बिस्तर क्षमता का अस्पताल, एक छात्रावास और आडिटोरियम का निर्माण करेगा। पर्यटन और संस्कृति विभाग द्वारा महेश्वर में अहिल्या लोक के निर्माण में किया जाएगा।

विभिन्न संग्रहालयों और होटल शिप्रा के उन्नयन के कार्य भी होंगे। कोठी महल, उज्जैन में वीर भारत संग्रहालय 80 करोड़ रुपए राशि की लागत से बनेगा। – सिंहस्थ मेला क्षेत्र में काल भैरव, मंगलनाथ, दत्ताखाड़ा और महाकाल क्षेत्र में कुल 3360 हैक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न व्यवस्थाए की जाएंगी।

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