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नियुक्ति पर बवाल: कांग्रेस जिलाध्यक्ष विधायक महेश परमार के खिलाफ प्रदेश सचिव हेमंत सिंह चौहान ने खोला मोर्चा

पीसीसी चीफ ने कहा पोस्ट हटाएं, चौहान ने लिखा-अपने आपको आपसे हटा लें

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सोशल मीडिया पर लड़ रहे लड़ाई, राहुल गांधी को पत्र भेजकर शिकायत की गई

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। उज्जैन कांग्रेस में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद बवाल शुरू हो गया है। जिलाध्यक्ष पद पर तराना विधायक महेश परमार के खिलाफ कांग्रेस के प्रदेश सचिव हेमंत सिंह चौहान ने मोर्चा खोला दिया है। वह और उनके समर्थक सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिये विरोध कर रहे हैं।

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पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया से पोस्ट हटाने का लेटर जारी किया तो हेमंत सिंह चौहान ने फेसबुक पर पोस्ट लिख उन्हें ही चुनौती दे दी। चौहान ने लिखा- आज निर्णय ले लेंगे आदरणीय पोस्ट हटाएं या अपने आपको आप से हटा लें। इस संबंध में चौहान ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र भी भेजा है। नए जिलाध्यक्ष महेश परमार ने कहा कि पूरी जिला कांग्रेस उनके साथ है। कुछ लोग नाराज हैं तो उन्हें भी मना लेंगे।

चार दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के 71 जिलाध्यक्षों की घोषणा की थी। इसमें उज्जैन शहर अध्यक्ष पद पर मुकेश भाटी को दोबारा नियुक्त किया था, जबकि उज्जैन ग्रामीण की जिम्मेदारी तराना विधानसभा के विधायक महेश परमार को सौंपी गई है। शहर कांग्रेस में तो मुकेश भाटी की नियुक्ति को तो स्वीकार कर लिया गया लेकिन जिले में महेश परमार की नियुक्ति पर बखेड़ा खड़ा हो गया। यह बखेड़ा खड़ा किया राजपूत नेता हेमंतसिंह चौहान ने।

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सोडंग के पास पिपल्याहामा के रहने वाले चौहान ने वीडियो जारी किया और कहा कि उज्जैन शहर में महापौर, विधायक, पंचायत अध्यक्ष और अब जिलाध्यक्ष के नाम पर सिर्फ एक ही कार्यकर्ता मिलता है क्या? ये कार्यकर्ता के साथ धोखा है, इसका हम विरोध करेंगे। चौहान ने वीडियो में कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि जमीनी नेता अब कमान संभालेंगे और उन्होंने रायशुमारी करवाई और अब जमीनी नेताओं की ही अनदेखी कर दी।

जीतू पटवारी की पसंद थे चौहान

चौहान जिलाध्यक्ष पद के दावेदार थे। वह प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी की पसंद थे। चूंकि एआईसीसी से आए पर्यवेक्षक नदीम जावेद के सामने भी उन्होंने पुरजोर तरीके से दावेदारी की थी। महेश परमार ने दावेदारी नहीं की थी, उन्होंने अपनी तरफ से अजीतसिंह ठाकुर का नाम आगे बढ़ाया था लेकिन इस नाम का जबर्दस्त विरोध हुआ था। ऐसे में चौहान खुद को अध्यक्ष मानकर चल रहे थे लेकिन जब सूची आई तो उसमे महेश परमार का नाम था।

इस पर ही उन्होंने राहुल गांधी, पीसीसी चीफ और प्रदेश प्रभारी को पत्र भेजकर शिकायत की है। उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर राजपूत समाज की तरफ से पोस्ट भी की जा रही है। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने सभी से पोस्ट हटाने का कहा है लेकिन बुधवार सुबह ही हेमंतसिंह चौहान ने पटवारी के पत्र को लगाकर पोस्ट कर अपना विरोध जता दिया। इस संबंध में हेमंतसिंह चौहान से उनके मोबाइल नंबर 9981771630 पर चर्चा की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इस संबंध में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से 9009955555 पर भी बात नहीं हो सकी। दोनों से जब भी बात होगी, आपको बताया जाएगा।

मेरा विरोध नहीं, नाराजों को मना लेेंगे: परमार

जि लाध्यक्ष महेश परमार ने कहा कि कुछ लोगों को छोडक़र पूरी कांग्रेस उनके साथ है। जिलाध्यक्ष बनने के बाद से पांच हजार लोग अब तक मिल चुके हैं। सीएम के क्षेत्र में कांग्रेस में नई ऊर्जा के साथ लड़ाई के लिए तैयार है। यह बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रही है। इसलिए प्रायोजित विरोध करवाया जा रहा है। अगर कोई नाराज है तो उसे मना लेंगे। परमार के समर्थन में महिदपुर विधायक दिनेश जैन भी हैं। बुधवार को दोनों कांग्रेस के सद्भावना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने साथ पहुंचे। जैन ने कहा कि कुछ लोग नाराज हैं, बाकी पूरी कांग्रेस परमार के साथ है।

कौन हैं हेमंत सिंह चौहान

कांग्रेस में हेमंतसिंह चौहान की एंट्री स्टूडेंट विंग एनएसयूआई के जरिए हुई थी। वह मौजूदा समय में प्रदेश सचिव हैं। वह जनपद और जिला पंचायत का चुनाव निर्दलीय भी लड़ चुके हैं। कांग्रेस की राजनीति में उन्हें घट्टिया के तत्कालीन कांग्रेस विधायक रामलाल मालवीय का घोर विरोधी माना जाता है। मालवीय को लेकर वह सोशल मीडिया पर कई पोस्ट कर चुके हैं। फिलहाल उनके नए करतब से साथी कांग्रेसी दंग हैं। उनके विरोध को राजपूत समाज का विरोध माना जा रहा है। हालांकि उज्जैन में इस वर्ग की तादाद काफी है और कांग्रेस के स्तर पर यह वर्ग लंबे समय से उपेक्षित भी हो रहा है। इसलिए इस मुद्दे को हवा दी जा रही है।

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