ब्रिज से लेकर मुख्य मार्गों की स्ट्रीट लाइट बंद, रहवासी हो रहे परेशान

By AV NEWS

अनदेखी: शहर की पथ प्रकाश व्यवस्था हुई ध्वस्त, जिम्मेदार बेफिक्र

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर की पथ प्रकाश व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। नगर निगम द्वारा मुख्य मार्गों, ब्रिज और कालोनियों में लगाई गई अधिकांश एलईडी बंद होने के बाद प्रकाश विभाग द्वारा पुन: बदली या चालू नहीं की गई जिसके कारण लोग परेशान हैं। महापौर द्वारा दो दिनों पूर्व प्रकाश विभाग की समीक्षा बैठक ली गई जिसमें यह मामला भी उठा लेकिन समस्या का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है।

सिंहस्थ महापर्व वर्ष 2016 के पूर्व स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में 25 हजार एलईडी लाईट लगाई गई थीं। करोड़ों रुपयों की लागत से पूरे शहर को दूधिया रोशनी में नहलाने का दावा करने वाले स्मार्ट सिटी के अफसरों ने उस दौरान यह भी दावा किया था कि अगले सिंहस्थ तक इन लाईटों का मेंटेनेंस कंपनी द्वारा ही किया जायेगा और स्मार्ट सिटी अथवा नगर निगम पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आयेगा, लेकिन अब स्थिति यह है कि स्ट्रीट लाईट का मेंटेनेंस करने वाले ठेकेदार ने भी हाथ खींच लिये हैं। उसके द्वारा खराब होने वाली एलईडी या अन्य सामान न तो बदला जा रहा है और न ही नगर निगम को उपलब्ध कराया जा रहा है।

ठेकेदार की अर्नेस्ट मनी जब्त करने और ब्लैक लिस्ट करने का प्रस्ताव

शहर की पथ प्रकाश व्यवस्था ठप्प होने से महापौर सहित पार्षद भी नाराज हैं। पिछले दिनों महापौर द्वारा इस संबंध में बैठक के दौरान नाराजगी भी व्यक्त की गई। इस दौरान बैठक में मौजूद पार्षदों ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने व अर्नेस्ट मनी जब्त करने की सलाह दी जिस पर महापौर परिषद को विचार किया जाना है।

पार्षदों ने अपने मद से खरीदी एलईडी

नगर निगम द्वारा प्रत्येक वार्ड के पार्षदों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य कराने हेतु प्रतिवर्ष निश्चित मद उपलब्ध कराया जाता है। जिन पार्षदों के वार्ड की स्ट्रीट लाईटें लंबे समय से बंद पड़ी हैं और निगम का प्रकाश विभाग भी सामान की कमी बताकर उन्हें सुधार नहीं पा रहा ऐसी स्थिति में पार्षदों ने अपने मद से 5 से 10 लाख रुपये खर्च कर एलईडी व अन्य सामग्री खरीदकर प्रकाश विभाग को दी और अपने-अपने वार्डों में स्ट्रीट लाईटें ठीक कराई हैं।

स्मार्ट सिटी ने सौंप दिया निगम को जिम्मा

शहर की स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था शुरूआत में स्मार्ट सिटी के पास थी। लेकिन सिंहस्थ गुजरने के कुछ वर्ष बाद जब ठेकेदार द्वारा काम करने में आनाकानी की गई तो स्ट्रीट लाईट की जिम्मेदारी नगर निगम के प्रकाश विभाग को सौंप दी गई। हालांकि उक्त मामला सीधे शहर की आमजनता से जुड़ा है और आमजन स्ट्रीट लाईट बंद होने की शिकायत नगर निगम अफसरों से ही करते थे इस कारण जनप्रतिनिधियों व अफसरों ने यह काम नगर निगम के प्रकाश विभाग को तो सौंप दिया अब विडंबना यह है कि प्रकाश विभाग के कर्मचारी भी एलईडी व अन्य सामान नहीं मिलने के कारण अधिकांश क्षेत्रों की स्ट्रीट लाईट सुधार नहीं पा रहे हैं।

इनका कहना

शहर की पथ प्रकाश व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। इसको लेकर निगम के जनप्रतिनिधि भी चिंतित हैं। स्मार्ट सिटी द्वारा ठेकेदार की अर्नेस्ट मनी नगर निगम को उपलब्ध कराने के बाद टेंडर प्रक्रिया कर नए ठेकेदार से एलईडी सहित अन्य सामग्री क्रय करवाकर व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।– दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी, प्रभारी प्रकाश विभाग

आयुक्त ही स्मार्ट सिटी सीईओ

जिस समय स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में स्ट्रीट लाईट लगवाई गई थी उस समय स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक थे और वर्तमान में भी वह स्मार्ट सिटी सीईओ होने के साथ नगर निगम आयुक्त का दायित्व भी संभाल रहे हैं। उन्होंने बैठक के दौरान महापौर व पार्षदों को आश्वासन दिया है कि ठेकेदार को नोटिस देने के बाद भी उसके काम में सुधार नहीं हुआ है अब उसे ब्लैक लिस्ट कर अर्नेस्ट मनी जब्त कर नगर निगम को उपलब्ध कराई जाएगी।

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