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स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव, अच्छी बारिश के आसार

सीजन की पहली झमाझम से शहर के कई इलाकों में जल जमाव से बिगड़े हालात

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नगर निगम की नाला सफाई की खुली पोल, कारखानों में घुसा पानी

 

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होने से अच्छी वर्षा के आसार बने हुए है। इसके पूव्र गुरुवार शाम को सीजन की पहली जोरदार बरसात से शहर में पानी ही पानी हो गया। कई इलाकों में जल-जमाव हो गया।

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उज्जैन में गुरुवार को मौसम काफी बदला सा रहा। सुबह बादलों के छाने और धूप का दौर चलता रहा। दोपहर को काफी उमस रही। देर शाम शहर के अधिकांश हिस्सों में जमकर बरसात हुई। वहीं कई इलाकों में वर्षा का दौर कमजोर रहा। कहीं हल्की बारिश तो कहीं बूंदाबांदी हुई। इधर शुक्रवार सुबह से बादल छाए हुए हैं। मौसम वैज्ञानिकों मुताबिक साइक्लोनिक सर्कुलेशन, ट्रफ लाइन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। संभाग में कहीं बारिश को कहीं बूंदाबांदी के आसार हैं। गुरुवार को दिन का तापपान 35.5 (+1) डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। वहीं गुरुवार-शुक्रवार को रात का तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस रहा। दिन और रात का तापमान औसत से ज्यादा होने के कारण गर्मी बनी हुई है।

आगर रोड उद्योगपुरी के कारखानों में जल जमाव, देर रात पार्षद जेसीबी लेकर पहुंचे

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उज्जैन। कलेक्टर के निरीक्षण और निर्देश के बाद भी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की नींद नहीं खुली जिसका परिणाम यह रहा कि पहली ही बारिश में शहर के अधिकांश नाले उफन गये और जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। खास बात यह कि आगर रोड़ उद्योगपुरी का नाला जाम होने से नाले का पानी कारखानों में घुसा गया जिससे कारखानों में रखा लाखों का सामान पानी में तैरने लगा। देर रात क्षेत्रीय पार्षद जेसीबी लेकर यहां पहुंचे और नाले की सफाई कराई।

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने दो माह पहले ही शहर में निरीक्षण के दौरान नाले, नालों की सफाई कराने के निर्देश दिये थे। नगर निगम आयुक्त को निर्देश देने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अमले ने शहर के चुनिंदा नालों की सफाई भी करवाई लेकिन अनेक क्षेत्रों को छोड़ दिया गया। इसी का परिणाम रहा कि गुरूवार शाम को शहर में हुई तेज बारिश के बाद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित नाले, नालियां जाम हो गये और पानी सड़कों पर बहने लगा।

जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने पर लोगों को आवागमन करना पड़ा। इधर आगर रोड़ उद्योगपुरी में नाला जाम होने की वजह से तेज बारिश के साथ कारखानों में पानी भरना शुरू हुआ और देखते ही देखते करीब 12 कारखानों में दो फीट तक पानी भर गया। यहां वैभव प्रोसेस के नाम से कैलेंडर का कारखाना संचालित करने वाले संजय जैन ने बताया कि प्रिंटिंग के लिये उनके कारखाने में रखी कॉटन के कपड़ों की गठानें पानी में तैरने लगीं। जलभराव से लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है क्योंकि पानी में गिले हो चुके कपड़े पुन: काम में नहीं आएंगे। वैभव जैन ने बताया कि आसपास के दूसरे कारखानों में भी तेज बारिश के कारण नाले का पानी घुस गया था जिनमें भारी नुकसान हुआ है। कारखाना संचालकों ने क्षेत्रीय पार्षद रवि राय को फोन पर इसकी सूचना दी जिसके बाद वह जेसीबी लेकर यहां पहुंचे थे।

ठेकेदार की लापरवाही से भर गया पानी

कारखाना संचालकों ने बताया कि धनवंतरि आयुर्वेदिक अस्पताल के पास से चिमनगंज थाने की ओर सड़क व नाला निर्माण कराया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा उक्त नाले का निर्माण लगभग पूरा कर दिया गया है, लेकिन इसकी सफाई नहीं होने के कारण तेज बारिश के बीच पानी रुक गया और नाले का पानी कारखानों में भरना शुरू हो गया था। पार्षद रवि राय द्वारा नगर निगम की जेसीबी से नाले की सफाई कराने के कुछ घंटों बाद पानी उतरना शुरू हो गया था।

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