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Supreme Court से तीस्ता सीतलवाड़ को मिली जमानत

गुजरात दंगा 2002 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी। तीस्ता सीतलवाड़ पर गवाहों के झूठे बयानों का मसौदा तैयार करने और उन्हें दंगों की जांच के लिए गठित नानावती आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने का आरोप है। शीर्ष अदालत ने उनके देश छोड़ने पर रोक लगा दी है और उनसे कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग करें।

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दरअसल, तीस्ता सीतलवाड़ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सत्र अदालत और हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें अंतरिम जमानत नहीं दी गई थी। तीस्ता सीतलवाड़ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी 24 जून को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ समाप्त हुई कार्यवाही के अलावा और कुछ नहीं थी।

कपिल सिब्बल ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ दो महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं और उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित मूल आवेदन के लंबित रहने के दौरान अंतरिम जमानत की हकदार हैं। तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनसे जांच में पूरा सहयोग करने को कहा है।

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सुप्रीम अदालत ने तीस्ता से अपना पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय में लंबित तीस्ता की याचिका को लेकर कहा कि हमारे फैसले या टिप्पणी से उस पर कोई असर नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमने यह फैसला सिर्फ अंतरिम बेल को लेकर दिया है। गुजरात हाई कोर्ट स्वतंत्र रूप से इस मामले पर विचार कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों से उसे प्रभावित नहीं होना चााहिए। बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट ने 19 सितंबर को तीस्ता सीतलवाड़ की बेल अर्जी पर सुनवाई की तारीख तय की है।

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