Advertisement

मानसिक विक्षिप्त की रिहेब सेंटर ले जाते एम्बुलेंस में संदिग्ध मौत

परिजन बोले…गलत इंजेक्शन लगाया, स्टाफ ने कहा हाथ पैर चला रहा था, तीन लोग घायल

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन तराना के हालूखेड़ी में रहने वाले मानसिक विक्षिप्त युवक को पंथ पिपलई स्थित रिहेब सेंटर के केयर टेकर एम्बुलेंस से उसके घर से लेकर जा रहे थे तभी उसकी संदिग्ध मृत्यु हो गई। युवक के परिजनों का आरोप है कि रिहेब सेंटर में गलत इंजेक्शन के कारण उसकी मृत्यु हुई जबकि केयर टेकर का कहना है कि युवक हाथ पैर चला रहा था जिससे तीन लोगों को चोंट भी आई। रास्ते में मृत्यु होने पर प्रायवेट अस्पताल ले गये थे।

 

श्रवण पिता फतेहसिंह 24 वर्ष निवासी हालूखेड़ी तराना नशा करता था और उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। भाई संदीप आंजना ने बताया कि 2-3 वर्षों से श्रवण का दूसरे डॉक्टर के यहां उपचार चल रहा था और कुछ समय से डॉ. पराग ढोबले उपचार कर रहे थे।

Advertisement

सुबह 3-4 बजे के बीच श्रवण की मानसिक स्थिति अधिक बिगड़ी तो डॉ. ढोबले से संपर्क किया। उन्होंने पहले तो मरीज को सन फ्लावर रिहेब सेंटर पंथपिपलई ले जाने को कहा जब परिजनों ने उसे ले जाने में असमर्थता जताई तो रिहेब सेंटर से एम्बुलेंस श्रवण के घर पहुंचाई गई। संदीप आंजना ने बताया कि एम्बुलेंस में आये कर्मचारी श्रवण को घर से लेकर गये और बाद में सूचना मिली कि उसकी रास्ते में मृत्यु हो गई है। श्रवण के शरीर पर चोंट के निशान थे जो संदिग्ध दिख रहे थे। इसी कारण डॉक्टर की पैनल से श्रवण के शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की है।

हम इंजेक्शन नहीं लगाते
रिहेब सेंटर में इंजेक्शन नहीं लगाया जाता। केयर टेकर ही श्रवण को लेने एम्बुलेंस से उसके घर गये थे। रास्ते में मृत्यु का मामला संदिग्ध लगा तो हमने ही परिजनों से शव का पीएम कराने की बात कही थी।
-डॉ. पराग ढोबले, मानसिक रोग विशेषज्ञ

Advertisement

केयर टेकर ने सुनाई रास्ते की कहानी

ढोबले आरोग्य जीवन पुनर्वास संस्था द्वारा संचालित सन फ्लावर रिहेब सेंटर पंथपिपलई के केयर टेकर पीयूष ने बताया कि मैं सुबह 3 से 4 बजे के बीच अन्य केयर टेकर शहजाद खान, इंचार्ज राजेन्द्र, नंदू व एम्बुलेंस चालक के साथ श्रवण के घर गया था। उसे एम्बुलेंस में बैठाने लगे तो वह हाईपर हो गया और लोहे का गेट पकड़ लिया इस कारण उसे सीने में चोंट लगी।

जैसे तैसे श्रवण को एम्बुलेंस में बैठाया तो वह चलती एम्बुलेंस में हाथ पैर चलाने लगा जिस कारण ड्रायवर को हाथ में, नंदू को पैर में और पीयुष को सिर व होंठ में चोंट लगी। पीयूष ने बताया कि श्रवण ने चलती एम्बुलेंस का गेट भी खोल दिया था।

निनौरा तक उसे कंट्रोल करने की कोशिश करते रहे उसके बाद अचानक वह बेहोश होने लगा तो एम्बुलेंस रिहेब सेंटर न ले जाते हुए सीधे प्रायवेट अस्पताल ले गये जहां डॉक्टर ने परीक्षण के बाद श्रवण को मृत घोषित कर दिया।

पत्नी से चल रहा तलाक का केस
संदीप आंजना ने बताया कि श्रवण की शादी हो चुकी थी। उसका पत्नी से तलाक का केस चल रहा है। वह खेती करता था लेकिन मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने पर घर ही रहता था। उसका उपचार भी चल रहा था, लेकिन देर रात हालत बिगड़ी तो उसे रिहेब सेंटर भेजने का निर्णय लिया था।

Related Articles