अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। सीवरेज प्रोजेक्ट पर पिछले कई वर्षों से काम कर रही टाटा कंपनी ने शहर के कई मार्गों पर बनाए गए सीवरेज लाइन के चैंबरों में सुधार नहीं किया है। चैंबरों के कहीं ऊंचे और कहीं नीचे बनाए जाने के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी है।
सीवरेज प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम करते टाटा प्रोजेक्ट कंपनी को करीब पांच साल से अधिक का समय गुजर चुका है। बावजूद इसके कंपनी इसे पूरा नहीं कर पा रही है। पहले चरण के प्रोजेक्ट में टाटा कंपनी को 439 किलोमीटर लंबी भूमिगत सीवरेज लाईन के बीच करीब 34 हजार चैंबरों का निर्माण करना है। पिछले साल के अंत तक कंपनी ने इनमें से लगभग 8 हजार चैंबरों का निर्माण शहर के इंदौर रोड, आगर रोड, देवास रोड के अलावा नए और पुराने शहर के अधिकांश मार्गों पर कर दिया था।
इनमें देवास रोड पर नागझिरी से लेकर तीन बत्ती चौराहे तक सीवरेज चैंबर निर्माण कार्य में कंपनी ने घोर लापरवाही बरती है। इस मार्ग पर बने करीब-करीब सभी चैंबर मेन सडक की ऊंचाई से या तो 3-4 इंज ऊपर बनाए गए है या फिर इन्हें 4 से 6 इंच तक सतह से नीचे बना दिया गया है। यही हालत चामुंडा माता चौराहे से लेकर देवासगेट बस स्टैंड होते हुए रेलवे स्टेशन के सामने और यहां से इंदौरगेट तिराहे तक भी मापदण्डों के विपरीत चैंबर के निर्माण किए गए है। इसके चलते इंदौरगेट क्षेत्र में चैंबर के कारण एक युवक की करीब सालभर पहले जान भी जा चुकी है।
देवास रोड पर भी चैंबरों के कारण कई जानलेवा हादसे हो चुके है। इस मार्ग पर सलूजा नर्सिंग होम के ठीक सामने टाटा कंपनी ने 3 से 4 इंच सडक के लेबल से नीचे चैंबर बनाया है। इस कारण यहां वाहन चालक कई बार वाहन के उछलने से दुर्घटना का शिकार हो रहे है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि टाटा के काम की नगर निगम के अधिकारी मॉनिटरिंग नहीं कर रहे। इस कारण यह लापरवाही हो रही है।