पति की प्रेमिका को सबक सिखाया, जबरदस्त हुई पिटाई

पुलिस का पूरा सहयोग था, चाहती तो पति को जेल भिजवा देती लेकिन नहीं, पत्नी धर्म का निर्वाह किया…
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सरपंच पति को सबक सिखाने सावन से सफर किया उज्जैन का

दो पत्नी, चार बच्चे तीसरी प्रेमिका भीं
अक्षरविश्व न्यूज| उज्जैन। दो पत्नी हैं, चार बच्चे हैं फिर भी तीसरी से चाहत। यह इश्क आखिर कब तक छुपता। मोबाइल विलेन बना। दोनों की चैटिंग दोनों पत्नियों ने देख ली। आशिक मिजाज सरपंच का सफर नीमच से सावन से शुरू हुआ और उज्जैन में समाप्त हो गया। जगहंसाई हुई, लोगों ने तमाशा देखा और फब्तियां कसीं। पुलिस तक मामला पहुंचा। पत्नी बेशक आग बबूला थी, लेकिन अपना धर्म निभाया। कोई कार्रवाई कराए बिना लौट गई। अपने पीछे छोड़ गई एक सबक। पति सिर्फ पत्नी का होकर रहे, किसी और के चक्कर में न पड़े वर्ना आबरू सरेआम नीलाम भी हो सकती है।
यह पूरा मामला किसी फिल्म के कथानक की तरह है। नीमच के सावन गांव का सरपंच है जितेंद्र। वह पहले एमआर था। बीस साल पहले उसने सपना से विवाह किया। दो बच्चे हुए। स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाली उषा से दिल लगा। १५ साल पहले उससे भी शादी कर ली। दो बच्चे हुए। जितेंद्र ने दोनों को निभाया। सपना ने भी उषा से विवाद करने के बजाय इसे अपनी नियति मान लिया।
जितेंद्र पर पूरी नजर थी सपना और उषा की
चार बच्चों का पिता और दो पत्नियों का पति जितेंद्र बेशक सरपंची कर रहा था, लेकिन दोनों पत्नियों की उस पर बराबर नजर बनी रही। (जैसा कि पुलिस को उषा ने बताया) जितेंद्र के मोबाइल पर नजर रखी जाने लगी। एक दिन उसकी चैटिंग पकड़ में आ गई। पता चला कि आंगरवाड़ी में काम करने वाली युवती से उसके संबंध पनप गए हैं। घर में विवाद हुआ। तीसरी का राज खुलते ही जितेंद्र शर्मिंदा होने के बजाय आक्रामक हो गया। उसने दोनों पत्नियों की पिटाई कर दी।
कसम खाई थी, सबक तो सिखाना ही पड़ेगा
दूसरी पत्नी उषा को पता चल गया कि उसका पति अपनी प्रेमिका के साथ बुधवार को उज्जैन जाने वाला है। उसने भी योजना बनाई। इधर उषा की योजना से बेफिक्र जीतेंद्र प्रेमिका को लेकर उज्जैन आ गया और लाल गेट के पास होटल में रुक गया। बाहर उषा पहले से ही तैयार थी। होटल से बाहर आते ही उषा ने हंगामा कर दिया।
जीतेंद्र की प्रेमिका पर खूब बरसी। यहां तक कि पिटाई भी कर दी। तमाशबीन आ गए। पुलिस भी पहुंच गई। दोनों पक्षों को थाने ले गई। थाने में भी दोनों के बीच बहस होती रही। पुलिस ने उषा से कहा, आप चाहें तो कार्रवाई हो सकती है, लेकिन उसने इंकार कर दिया। जितेंद्र ने भी कुछ नहीं किया। दोनों चले गए। छोड़ गए अपने पीछे कुछ सवाल और कुछ नसीहत।









