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तेजस ने घटाया अवंतिका का बोझ, मुंबई के लिए बनी यात्रियों की पसंद

शुरुआती दौर में खाली चल रही अब फुल, 30 सितंबर तक संचालन बढ़ाया

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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। मुंबई यात्रा करनेवाले यात्रियों को अब तेजस भी पसंद आने लगी है। अवंतिका के बाद अब तेजस दूसरी पसंद हो गई है। शुरुआती तौर में खाली चलने वाली तेजस अब फुल हो गई। इसी कारण रेलवे ने इसका संचालन ३० सितंबर तक बढ़ाया है और आगे भी बढ़ाने की पूरी संभावना है। तेजस एक्सप्रेस 24 जुलाई से इंदौर से शुरू हुई थी और उज्जैन होते हुए मुंबई आती-जाती है।

इंदौर-मुंबई के बीच सेमी हाईस्पीड तेजस एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन लोगों की पसंद बन गई है। तेजस एक्सप्रेस के चलने से अवंतिका एक्सप्रेस पर यात्रियों का दबाव 40 फीसदी तक कम हो गया है।

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पहले अवंतिका एक्सप्रेस ट्रेन में 160 फीसदी तक दबाव था, जो अब घटकर 120 तक रह गया है। रेलवे पीआरओ खेमराज मीना ने बताया तेजस एक्सप्रेस का संचालन 12 सितंबर तक था, जिसे बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया है। ट्रेन का रिस्पांस अच्छा है। ऐसे में इसे आगे बढ़ाने की भी पूरी संभावना है।

तेजस पहली कॉर्पोरेट ट्रेन

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यह देश की पहली निजी और कॉर्पोरेट ट्रेन है।

160 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार तक चल सकती है।

सेमी हाईस्पीड, पूर्णत: वातानुकूलित ट्रेन।

ट्रेन में ऑटोमैटिक डोर लगे हुए हैं।

ट्रेन में वाईफाई की सुविधा। बायो वैक्यूम टॉयलेट।

सीसीटीवी कैमरे। फायर डिटेक्शन सिस्टम लगे हुए हैं।

ट्रेन का शेड्यूल

मुंबई सेंट्रल-इंदौर स्पेशल ट्रेन (09085): ट्रेन प्रति सोम, बुध, शुक्र को मुंबई सेंट्रल से रात 11.20 बजे रवाना हो रही है। यह अगले दिन सुबह 10:बजे उज्जैन होते हुए दोपहर 1 बजे इंदौर पहुंचती है।

इंदौर-मुंबई सेंट्रल स्पेशल ट्रेन (09086): ट्रेन मंगलवार,गुरुवार एवं शनिवार को इंदौर से शाम 5 बजे रवाना होकर शाम 6:20 बजे उज्जैन होते हुए अगले दिन सुबह 07.10 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचती है। ट्रेन दोनों दिशाओं में बोरीवली, वापी, सूरत, वडोदरा, दाहोद, रतलाम तथा उज्जैन स्टेशनों पर रुकेगी।

कोलकाता जाने की प्रमुख ट्रेन , घोषणा के 7  साल भी नियमित नहीं

पूरे साल फुल रहती है शिप्रा एक्सप्रेस, 2018 में रेल मंत्री ने की थी नियमित करने की घोषणा

उज्जैन। कोलकाता जाने की प्रमुख ट्रेन शिप्रा एक्सप्रेस (इंदौर-हावड़ा) रेल मंत्री की घोषणा के ७ साल बाद भी नियमित नहीं हुई है। अभी यह सप्ताह में तीन दिन चलती है और ट्रेन की डिमांड इतनी है कि यह पूरे साल ही फुल रहती है। इन दिनों नवरात्रि के लिए उज्जैन सहित आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग कोलकाता जाएंगे। उज्जैन के अलावा इंदौर, रतलाम सहित आसपास के क्षेत्रों में काफी संख्या में बंगाल के लोग रहते हैं। जो नवरात्रि में घर जाते हैं। इन लोगों के लिए शिप्रा एक्सप्रेस ही ऐसी ट्रेन है जो कोलकाता सीधे पहुंचाती है।

ट्रेन की डिमांड अधिक क्यों

ट्रेन में 160 फीसदी तक दबाव है। सालभर ट्रेन में वेटिंग रहती है। दुर्गा पूजा में काफी संख्या में लोग जाएंगे। इसके अलावा बिहार और उत्तरप्रदेश की यात्रा करने वालों में भी शिप्रा एक्सप्रेस की डिमांड बहुत है। उज्जैन, इंदौर क्षेत्र में उप्र, बिहार और पं. बंगाल के लोग लाखो की संख्या में है जो तीज-त्यौहार या अन्य मौकों पर घर आते-जाते हैं। प्रमुख धार्मिक स्थल जैसे इलाहाबार, वाराणसी, गयाजी, गंगा सागर आदि स्थलों को भी यह ट्रेन उज्जैन से सीधे जोड़ती है। ऐसे में ट्रेन की डिमांड पूरे साल बनी रहती है और अकसर इसमें वेटिंग रहने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। त्योहारों के समय तो ट्रेन में रिग्रेट पोजिशन आ जाती है।

2018 में की थी नियमित करने की घोषणा

यह ट्रेन उज्जैन से सप्ताह में तीन दिन रविवार, बुधवार और शुक्रवार को सुबह 1.10 बजे रवाना होती है। सप्ताह में सिर्फ तीन दिन ट्रेन का संचालन पर्याप्त नहीं है। इस कारण लंबे समय से इसे नियमित चलाने की मांग उठती रही है।

2018 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भोपाल में 63वें रेल सप्ताह पुरस्कार समारोह के दौरान हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन को नियमित करने की घोषणा की थी। कहा था कि ट्रेन सप्ताह में तीन की जगह अब आने वाले दिनों में सातों दिन चलेगी। इसमें पेंट्री कार की सुविधा के निर्देश भी दिए थे। इस घोषणा के सात साल बाद भी अब तक ट्रेन नियमित नहीं हुई।

डिमांड है लेकिन निर्देश नहीं: ट्रेन को नियमित करने की डिमांड जनप्रतिनिधियों के माध्यम से आती है। लेकिन नियमित करने संबंधी कोई जानकारी या निर्देश नहीं हैं।

खेमराज मीणा, पीआरओ रतलाम रेल मंडल।

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