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स्ट्रीट डॉग का आतंक… कोर्ट की नहीं कोई रोक!

सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया सामने, एडवोकेट का दावा कार्रवाई से बच रहे निगम के अफसर

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। महाकाल नगरी उज्जैन में स्ट्रीट डॉग के आतंक से एक व्यक्ति की मौत के बाद भी लोगों की जान खतरे में है। डॉग पकडऩे के मामले में निगम के अफसर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर बच जाते हैं, लेकिन हाल ही एडवोकेट सुदर्शनने नगर निगम से कोर्ट के आदेश की प्रति ली है, जिस पर उन्होंने दावा किया है कि कोर्ट ने केंद्र सरकार के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई है बल्कि आदेश की आड़ में कार्रवाई से निगम के अफसर अपना बचाव कर रहे।

 

स्ट्रीट डॉग के कारण शहर कई सालों से जूझ रहा है। 2022 में जनवरी से दिसंबर तक 6548 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए थे। ये मामले अब और बढ़ रहे हैं। पिछले माह डॉग अटैक से बचने में बोहरा समाज के एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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एडवोकेट सुदर्शन लड्ढा ने इस मामले में पहल कर निगम प्रशासन से सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी ली तो असलियत सामने आई। दरअसल केंद्र सरकार ने 2001 में एनिमल कंट्रोल ऐक्ट के तहत स्ट्रीट डॉग की समय समय पर गणना कर ज्यादा होने पर उनको शेल्टर रूम भेजकर स्टरलाइज किया जाएगा यानी साफ सफाई की जाएगी और नसबंदी कर टैगिंग की जाएगी। टैगिंग के बाद स्ट्रीट डॉग्स की काउंटिंग सार्वजनिक करना होगी। नगर निगम इस आदेश की आड़ में डॉग्स को पकड़कर शेल्टर रूम भी नहीं भेज रहा। इससे आए दिन लोग स्ट्रीट डॉग्स की बाइट के शिकार हो रहे। महाकाल मंदिर में भी डॉग्स दर्शनार्थियों को काट चुके हैं।

पिटिशन रद्द, विरोध में सुनवाई पर भी रोक : एडवोकेट लड्ढा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि डॉग प्रेमी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन दायर की थी लेकिन कोर्ट ने इसे यह कहकर रद्द कर दिया कि केंद्र का आदेश एकदम सही है। इसके विरुद्ध सभी हाईकोर्ट को निर्देश भी दिया कि इस मामले में कोई सुनवाई न हो।

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संत ने 5 बीघा जमीन पर कुत्ता घर बनाया, लेकिन बंद करना पड़ा, क्योंकि… : अखाड़ा परिषद से जुड़े संत डॉ. रामेश्वरदास ने सदावल में पांच बीघा जमीन पर कुत्ता घर बनाया था जहां स्ट्रीट डॉग को रखने और खिलाने पिलाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन निगम प्रशासन ने डॉग्स की नसबंदी करना शुरू कर दिया, जिससे व्यथित होकर संत ने भी यह काम बंद कर दिया।

एक मौत, विदेशी दर्शनार्थी को महाकाल मंदिर में काटा, फिर भी नहीं शर्मसार…

5 जुलाई 2024 को नमक मंडी क्षेत्र में अली असगर पर कुत्तों ने हमला बोल दिया था। बचने के चक्कर में वाहन से गिर पड़े और 29 दिन बाद मौत हो गई। वे कुवैत से मोहर्रम के लिए आए थे।

जुलाई 2024 में ही नगारची बाखल निवासी फातिमा दानिश दो बच्चों को एक्टिवा से स्कूल छोडऩे जा रही थीं। डाबरी पीठा में स्ट्रीट डॉग पीछे लग गए। फातिमा ने स्पीड बढ़ाई तो बैलेंस बिगड़ गया और एक्टिवा एक गमले से टकराकर गिर पड़ी जिससे पीछे बैठे दोनों बच्चे घायल हो गए थे। बड़े बेटे को सिर में टांके लगवाना पड़े थे।

31 जून 2024 को दिल्ली की डॉक्टर जूही सारस्वत पति के साथ महाकाल दर्शन करने आई थीं। इस दौरान कुत्तों ने काट लिया था। उन्हें भी इंजेक्शन के लिए सिविल हॉस्पिटल भेजना पड़ा।

जनवरी 2023 में इटली के 76 वर्षीय एड्रोसोन फिंची (76) को एक कुत्ते ने महाकाल मंदिर क्षेत्र में काट लिया था। जिला अस्पताल में में प्राथमिक उपचार दिया गया था।

इन घटनाओं के बाद भी निगम प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई अब तक नहीं की है।

यह ध्यान रखें

अगर आपके पीछे डॉग भागे तो डरें नहीं और वहीं रुक जाएं।

डॉग को देखकर बाइक तेजी से भगाने की जगह धीमी कर लें या रुक जाएं।

स्ट्रीट डॉग को बाइक से डराने की गलती न करें न उसकी तरफ ले जाएं।

सड़क पर या आसपास डॉग दिखाई दे तो सतर्क हो जाएं और एकस्ट्रा ध्यान रखें।

आदेश मेरे पास है

स्ट्रीट डॉग्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसकी कॉपी मेरे पास है, जिसे लेने के लिए मुझे संघर्ष करना पड़ा। आदेश में कोर्ट ने केंद्र सरकार के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई है, बल्कि डॉग्स को शेल्टर हाउस रखने का निर्देश दिया है। निगम प्रशासन को इस मामले में कार्रवाई करना चाहिए। इस आदेश की जानकारी महापौर को भी दी है। -पी सुदर्शन लड्ढा, एडवोकेट

कुत्ता घर बनाया था

सदावल में कुछ समय पहले प्रशासन से अनुमति लेकर पांच बीघा जमीन पर कुत्ता घर बनाया था, लेकिन निगम अधिकारी वहां आकर नसबंदी करने लगे जो मुझे उचित नहीं लगी। इससे डॉग्स को बड़ी तकलीफ होती है। इस कारण मैंने जाना बंद कर दिया। अब पता नहीं वहां क्या स्थिति है।-डॉ. रामेश्वरदास, महंत

निगम आयुक्त से चर्चा करूंगा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर निगम आयुक्त से चर्चा की जाएगी। स्ट्रीट डॉग्स के कारण हो रही घटनाएं चिंताजनक हैं। -मुकेश टटवाल, महापौर

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